प्रवासी साहित्य : मौन में संगीत...

लावण्या शाह
कुहासे से ढंक गया सूरज, 
आज दिन, ख्वाबों में गुजरेगा।
 
तन्हाइयों में बातें होंगी, 
शाखें सुनेंगी, नगमे, गम के, 
गुलों के सहमते, चुप हो जाते स्वर, 
दिल की रोशनी, धुंधलके की चादर, 
लिपटी खामोश वादियां, कांपती हुईं, 
देतीं दिलासा, कुछ और जीने की आशा।
 
पहाड़ों के पेड़ नजर नहीं आते, 
खड़े हैं, चुपचाप, ओढ़ चादर घनी, 
दर्द गहरी वादियों-सा, मौन में संगीत।
 
तिनकों से सजाए नीड़, ख्वाबों से सजीले, 
पलते विहंग जहां कोमल परों के बीच, 
एकाएक, आपा अपना, विश्व सपना सुहाना, 
ऐसा लगे मानो, बाजे मीठी प्राकृत बीन।
 
ताल में कंवल, अधखिले, मुंदे नयन, 
तैरते दो श्वेत हंस, जल पर, मुक्ता मणि से, 
क्रौंच पक्षी की पुकार, क्षणिक चीरती फिर, 
आते होंगे, वाल्मीकि क्या वन पथ से चलकर?
 
हृदय का अवसाद, गहन बन फैलता जो, 
शून्य तारक से, निशा को चीरता वो, 
शुक्र तारक, प्रथम, संध्या का, उगा है, 
रागिनी बनकर बजी मन की निशा है।
 
चुपचाप, अपलक, सह लूं, आज, पलछिन, 
कल गर बचेगी तो करूंगी... बात।
 
 
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

8 वेजिटेरियन फूड्स जो नैचुरली कम कर सकते हैं बैड कोलेस्ट्रॉल, जानिए दिल को हेल्दी रखने वाले सुपरफूड्स

सोते समय म्यूजिक सुनना हो सकता है बेहद खतरनाक, जानिए इससे होने वाले 7 बड़े नुकसान

चाय कॉफी नहीं, रिफ्रेशिंग फील करने के लिए रोज सुबह करें ये 8 काम

क्या आपको भी चीजें याद नहीं रहतीं? हो सकता है ब्रेन फॉग, जानिए इलाज

क्या है सिटींग वॉकिंग का 2 पर 20 रूल? वेट लॉस और ब्लड शुगर मैनेज करने में कैसे कारगर?

सभी देखें

नवीनतम

भारत के हाथ लगी नवीनतम चीनी मिसाइल, टेक्नोलॉजी का हो सकता है खुलासा

पार्टनर से रोमांटिक अंदाज में कहें गुड नाइट, भेजें ये 20 दिल छू जाने वाले गुड नाइट कोट्स

इन 6 लोगों को नहीं पीनी चाहिए छाछ, जानिए वजह

भारत में कोरोना का JN.1 वैरिएंट: जानिए कितना है खतरनाक और क्या हैं इसके प्रमुख लक्षण

बाल कविता: इनको करो नमस्ते जी

अगला लेख