26 अगस्त 1976 को जन्म। मास कम्यूनिकेशन में एमए व हिंदी पत्रकारिता में डिप्लोमा। संप्रति वरिष्ठ उपसंपादक, दैनिक जागरण, दिल्ली
कुछ इस तरह से मेरे दिल को आजमाता है रुला-रुला के चुटकुले सुनाता है। कभी दर्द मिले तो कहना उससे, कोई हर रोज इससे वास्ता निभाता है। मेरे जेर-ए-तन से क्या पूछते हो, हर रात नई, हर दिन को भूल जाता है। उसके कहने से कुछ नहीं होता, जिस पर बीतती है, वो कब किसे बताता है। तुम भी अजीब शख्स हो तसलीम, बन जाते हो, जब कोई बेवकूफ बनाता है ।