- अनुराधा चंदर 6 अप्रैल को मोरशी, महाराष्ट्र में जन्म। बी.ए. एवं कम्प्यूटर टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा। बचपन से कविता लेखन में रुचि। 'कुछ कहता है मेरा मन' काव्य संग्रह प्रकाशित। विश्व हिंदी न्यास से भी जुड़ी हैं एवं स्थानीय रेडियो और टेलीविजन पर भी हिंदी के विविध कार्यक्रम की प्रस्तुति।1974 से अमेरिका में और अब न्यूयार्क में स्थायी निवास।
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आँखों से है तुम्हारा नाता... मन से है तुम्हारा रिश्ता तो कभी छा गए, सूने मन में मीठे-मीठे सपने-सुनहरे रंग-बिरंगे सपने अच्छे-बुरे सपने
कभी छू गए मन को तो कभी अधूरे ही बिखर गए थकी आँखों में कुछ साकार सपने कभी लगे तुम मेरे अपने
कभी धुँधला से गए- बादल बन आँख खुली तो उड़ गए पंछी बन कभी रहे जीवन के संग
कभी हुए तुम साकार- कभी हुए निराकार कौन तुम्हें समझ पाता है जीवन से क्या है नाता बस एक सपना सपना बनके रह जाता। ( डॉ. अंजना संधीर द्वारा संपादित 'प्रवासिनी के बोल' से साभार)