जब चाहा पहुँच पाते

Webdunia
- अनुराधा चंदर
GN

भारतीय महाविद्यालय मोरशी (महाराष्ट्र) से बीए और कम्प्यूटर टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा। अमेरिका के सभी शहरों में कवि सम्मेलन में कविता पाठ। 'कुछ कहता है मेरा मन' काव्य संग्रह प्रकाशित। न्यूयॉर्क में स्थायी निवास ।

अपना देश सदा दिल में बसता है
विदेश में रहकर भी कभी उसे भुला नहीं पाते
उसकी खुशबू सात समंदर पार
यादों में बिखेरती है
काश! जब भी चाहा पहुँच पाते
अपनों को गले लगाने

कितना आसान है कहना
पर विदेश में रहकर ये बात
हम समझ पाते हैं

सदा खुले हैं द्वार अपने वतन के हमारे लिए
फिर भी जब मन चाहा तब
क्यों नहीं पहुँच पाते?

साभार- गर्भनाल

Show comments

कुत्तों के सिर्फ चाटने से हो सकती है ये गंभीर बीमारी, पेट लवर्स भूलकर भी न करें ये गलती

कब ली गई थी भारत के नोट पर छपी गांधी जी की तस्वीर? जानें इतिहास

सावन में इस रंग के कपड़े पहनने की वजह जानकर चौंक जाएंगे आप

क्या ट्रैफिक पुलिस आपकी स्कूटी की चाबी ले सकती है? जानें कानूनी सच्चाई और अपने अधिकार

किस मुस्लिम देश से भारत आए हैं समोसा और जलेबी, जिनके लिए तम्बाकू और सिगरेट की तरह लिखना होगी चेतावनी

सोमवार सुविचार: पॉजिटिव सोच के साथ करें हफ्ते की शुरुआत

बरसात में कपड़ों से सीलन की स्मेल हटाने के लिए ये होममेड नुस्खा जरूर आजमाएं

क्या कुत्ते के पंजा मारने से रेबीज हो सकता है? जानिए इस डर और हकीकत के पीछे की पूरी सच्चाई

अगर हाथों में नजर आ रहे हैं ये लक्षण तो हाई हो सकता है कोलेस्ट्रॉल, न करें नजरअंदाज

तेजी से वेट लॉस करने के लिए आज से ही शुरू कर दें इंटरवल वॉकिंग, हार्ट और नींद में भी है असरदार