मुहब्बत से गुजर

Webdunia
- नसीर आरजू
GN

इतना मानूस है दिल आपके अफसाने से
अब किसी तौर बहलता नहीं बहलाने से
जामो-मीना के तअय्युन से है बाला साकी
जर्फ देखा नह‍ीं जाता किसी पैमाने से।

आओ तज्दीदे-वफा फिर से करें हम वर्ना
बात कुछ और उलझ जाएगी सुलझाने से
है समझना तो मुहब्बत से गुजर ऐ हमदम
बात आएगी समझ में न यूँ समझाने से।

अब न चाहोगे किसी और को तसल‍ीम मगर
फायदा क्या है मेरे सिर की कसम खाने से
मैं सही-होश सही आपका इरशाद बजा
आप बेकार उलझने लगे दीवाने से।

आरजू शिकवा-ब-लब हो तो रहे लेकिन
फायदा गुजरी हुई बात दोहराने से।

साभार- गर्भनाल

Show comments

सुबह खाली पेट भूलकर भी न खाएं ये 7 चीजें, बढ़ सकती है एसिडिटी और पाचन की परेशानी

बॉडी पर तिल क्यों निकलता है? जानिए इसके पीछे छुपे साइंटिफिक और स्किन से जुड़े राज

भारत के इन राज्यों में अल्पसंख्यक हैं हिंदू? जानिए देश के किस राज्य में सबसे कम है हिन्दू आबादी

क्या होता है तुगलकी फरमान? जानिए कहां से आया यह शब्द

बरसात में कपड़ों से सीलन की स्मेल हटाने के लिए ये होममेड नुस्खा जरूर आजमाएं

टॉप 7 फूड्स जो मसल्स रिकवरी को तेजी से सपोर्ट करते हैं, जानिए जिमिंग के बाद क्या खाना है सबसे फायदेमंद

शत शत नमन: इन कोट्स के माध्यम से दें अपनों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि

हर रोज चलें सिर्फ 7000 कदम, हेल्थ से जुड़ी ये गंभीर समस्याएं होंगी कम

शाकाहारी गाय को कैसे खिलाया जाता है नॉनवेज? क्या इससे दूध की गुणवत्ता में होता है सुधार?

दही खाते समय लोग करते हैं ये 8 बड़ी गलतियां, सेहत पर पड़ सकता है बुरा असर