संत खरगोश

Webdunia
- जॉर्ज करेरा आन्द्राद े

GN
शांत और खामोश प्यारे भाई खरगोश!
तुम मेरे गुरु हो, दार्शनिक हो
तुम्हारी जिंदगी से मैंने
शांत जिंदगी बिताना सीखा है
क्योंकि तुम एकां‍त समाधि में ही
जीवन की तत्व खोजते हो
संसार की गति तुम्हें नहीं व्यापती!

तुम ज्ञान के खोजी हो
जैसे कोई पूरी किताब के पन्ने चाट जाए।
उसी तरह तुम बंदगोभी के सभी पत्ते चाट जाते हो
और संत साइमन की तरह अपने बिल में बैठे-बैठे
चिडि़यों को देखा करते हो!

अपने इष्ट देवता से कहो कि
स्वर्ग में तु‍म्हें एक बाग बनवा दे
जिस बाग में स्वर्गीय करमकल्ले लगे हों
नाक डुबाने के लिए एक स्वच्छ पानी का सोता हो
और तुम्हारे सिर पर फ़ाख्ते उड़ा करें !

तुम्हारे चारों ओर के वातावरण में
पवि‍त्रता छाई रहती है
परम पिता संत फ्रांसिस का आशीर्वाद
तुम्हारे स्वर्ग में छोटे-छोटे बच्चे
तुम्हारे लंबे-लंबे कानों से खेलेंगे।

अनुवाद- डॉ. धर्मवीर भार‍ती
साभार- गर्भनाल

Show comments

होली 2025: भांग और ठंडाई में क्या है अंतर? दोनों को पीने से शरीर पर क्या असर होता है?

होली सिर्फ उत्सव नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला है... होली 2025 पर 10 लाइन निबंध हिंदी में

महिलाओं के लिए टॉनिक से कम नहीं है हनुमान फल, जानिए इसके सेवन के लाभ

चुकंदर वाली छाछ पीने से सेहत को मिलते हैं ये अद्भुत फायदे, जानिए कैसे बनती है ये स्वादिष्ट छाछ

मुलेठी चबाने से शरीर को मिलते हैं ये 3 गजब के फायदे, जानकर रह जाएंगे दंग

Holi 2025: होली के रंगों से कैसे बदल सकते हैं जीवन, कैसे दूर होगा ग्रह और गृह दोष

कामकाज व निजी जिंदगी के बीच संतुलन न होने से 52 प्रतिशत कर्मचारी बर्नआउट के शिकार

होलिका दहन से पहले घर से हटा दें ये नकारात्मक चीजें, घर में होगा सुख और संपत्ति का आगमन

होली की चटपटी मनोरंजक कहानी : रंगों का जादू

बच्चों के लिए होली की प्रेरक कहानी : प्रह्लाद और होलिका