इन फिल्मों को बनाने का विचार डेस्टिनेशन न्यू साउथ वेल्स की सीईओ सुश्री सांड्रा चिपचेस का था, इस बारे में वे कहती हैं- बहुत से भारतीय अनेक कारणों से न्यू साउथ वेल्स आते हैं और जब मैं भारत गई तो देखा कि भारतीय संस्कृति में प्रेम का बहुत महत्व है, परिवार और मित्र एक-दूसरे के साथ प्रेम की डोर में बंधे होते हैं और खासकर 'झप्पी' का। मैं अंगेज़ी के 'हग' शब्द के लिए कोई उपयुक्त हिंदी शब्द ढूंढ रही थी और जब मैंने 'झप्पी' शब्द सुना तो वो मुझे 'हैप्पी' जैसा लगा और मुझे लगा कि यही वो शब्द है जिसकी मुझे तलाश थी। मैंने अपनी केम्पेन के लिए 'झप्पी टाइम' का चयन किया। हम इन एड फिल्मों के माध्यम से लोगों को यह न्योता देना चाहते हैं कि भारतीय पर्यटक अपने रिश्तेदारों से मिलने और घूमने न्यू साउथ वेल्स आएं और यहां की खूबसूरती का आनंद उठाएं। भारत से पर्यटन की सुविधा को बेहतर बनाने के लिए हमने दिसंबर 2012 से मुंबई में ऑफिस भी खोल दिया है।
केम्पेन के लांच पर न्यू साउथ वेल्स के प्रीमियर बैरी ओ फैरेल ने कहा- भारतीय पर्यटकों की संख्या बढ़ी है और लोकप्रियता के मामले में सिडनी नंबर एक माना जाता है, भारतीय पर्यटकों से होने वाली आय अभी प्रतिवर्ष करीब एक सौ तिरासी मिलियन डॉलर है 'झप्पी टाइम' न्यू साउथ वेल्स के पर्यटन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
करीब एक तिहाई भारतीय पर्यटक ऑस्ट्रेलिया अपने परिवार और मित्रों से मिलने आते हैं, उसी को फ़िल्म का विषय बनाया गया है। ये चार एड फ़िल्में भारत के सिनेमा हॉल में तो दिखाई ही जाएंगी बल्कि ऑनलाइन भी इन्हें सोशल मीडिया फेसबुक, गूगल के पेजों औए वेबसाइटों पर भी दिखाया जाएगा।