भारतीयों पर नौकरी कटौती की मार

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भारतीय कामगारों के लिए नौकरी का सबसे आसान ठिकाना रहे खाड़ी देशों खासकर दुबई में वैश्विक आर्थिक मंदी ने जो तबाही मचाई है उसका सबसे ज्यादा नुकसान भारत के नागरिकों को उठाना पड़ा है। दुबई से प्रकाशित एक प्रमुख दैनिक में छपी खबर के अनुसार खाड़ी देशों में निर्माण क्षेत्र में सबसे ज्यादा मंदी छाई है और विभिन्न परियोजनाओं से जुड़ी कंपनियों में नए लोगों को रोजगार देने की बजाय उन्हें हटाया जा रहा है।

अखबार के अनुसार इस क्रम से सबसे ज्यादा गाज भारतीय कामगारों पर गिरी है। अखबार के अनुसार अकेले पिछले माह इस क्षेत्र से करीब 1000 लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है और इसमें सबसे ज्यादा भारतीय मूल के ही लोग थे।

विश्लेषकों का कहना है कि निर्माण क्षेत्र में जबर्दस्त मंदी का दौर जारी है और फिलहाल इससे निपटने के लिए जो प्रयास सरकारी स्तर पर किए जा रहे हैं वे पर्याप्त नहीं हैं। इसलिए इस क्षेत्र में नौकरियों में और कटौती हो सकती है।

दुबई से प्रकाशित इस प्रतिष्ठित अखबार ने मंदी के कारण नौकरियों में कटौती का जिक्र करते हुए कहा है कि दमैक प्रॉपर्टीज की हालत वर्तमान मंदी से सबसे ज्यादा पतली हुई है और उसने पिछले माह 200 से ज्यादा नौकरियों में कटौती की है।

दमिक के बाद कई निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों ने भी नौकरी में कटौती का काम शुरू किया है। नौकरियों की भर्ती करने वाले एजेंटों का कहना है कि यदि हालात नहीं सुधरे तो 5000 नौकरियों में कटौती का खामियाजा भुगता जा सकता है।

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