2008 में हुई छात्रों की मौत में आधे भारतीय

कोरोनर कार्यालय दबा रहा है मौत का विवरण

भाषा
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ऑस्ट्रेलिया में पिछले साल विभिन्न कारणों से 54 छात्र मारे गए जिनमें लगभग आधे भारतीय थे लेकिन कोरोनर कार्यालय मौतों के विवरण को दबाने की कोशिश करता रहा। इस बारे में अखबार द एज की रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब ऑस्ट्रेलिया में भारतीय छात्रों पर एक के बाद एक नस्ली हमले हो रहे हैं।

अखबार ने दावा किया है कि मौतों का आँकड़ा संघीय सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए आँकड़ों से अधिक है। समाचार पत्र ने कहा है कोरोनर 'संदिग्ध मौतों की जाँच करने वाला' कार्यालय ने पिछले साल आस्ट्रेलिया में मारे गए विदेशी छात्रों की मौत से संबंधित आँकड़े देने से इंकार कर दिया।

अखबार के अनुसार विक्टोरियन कोरोनर जेनिफर कोएट की प्रवक्ता ने इस बारे में सूचना देने से मना कर दिया जबकि कार्यालय ने इससे पहले कहा था कि सूचना उपलब्ध करा दी जाएगी। फरवरी में संसद में पूछे गए सवाल के जवाब में सरकार ने बताया था कि पिछले साल 51 विदेशी छात्रों की मौत हुई जिनमें से 34 की अज्ञात कारणों से तथा 14 की दुर्घटना में और तीन छात्रों की मौत बीमारी से हुई।

अखबार द्वारा की गई पड़ताल में मौतों की संख्या 54 निकली जिनमें से अधिकतर भारत कोरिया और चीन के छात्र थे। पिछले साल आस्ट्रेलिया में जितने छात्रों की मौत हुई उनमें से लगभग आधे भारतीय थे। उस समय कुल छात्र वीजाओं में से पाँचवाँ हिस्सा भारतीयों का था।

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