ईश्वर का दूसरा रूप होता है डॉक्टर-श्रीश्री रविशंकर

जितेन्द्र मुछाल
ऑरलैंडो, फ्लोरिडा। चिकित्सा के पेशे से इतनी उत्कृष्टता जुड़ी हुई है कि एक डॉक्टर को ईश्वर का दूसरा रूप माना जाता है। इसलिए एक डॉक्टर को जरूरतमंदों का दया, मन और आत्मा से इलाज करना चाहिए।
इन शब्दों के साथ आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर ने चिकित्सक समुदाय से जुड़े 1500 लोगों की एएपीआई (अमेरिकन एसोशिएशन ऑफ फिजीशियन ऑफ इंडियन ओरिजन) के 33वें वार्षिक सम्मेलन का शुभारंभ किया और उपस्थित जन समुदाय को अपनी वाणी से मंत्रमुग्ध कर दिया। सम्मेलन 17 जून से 21 जून तक ऑरलैंडो, फ्लोरिडा में आयोजित किया गया था। 
एएपीआई अमेरिका में साठ हजार से ज्यादा प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों और 20 हजार से ज्यादा चिकित्सा छात्रों और शोधकर्ताओं का सबसे बड़ा नॉन प्रॉफिट जातीय चिकित्सा संगठन है। अमेरिका में प्रत्येक सातवें मरीज का इलाज इसी संगठन से जुड़े डॉक्टरों द्वारा किया जाता है।
 
इस वर्ष का एएपीआई वार्षिक सम्मेलन श्रेष्ठ वक्ताओं, मनोरंजन, प्रेरक ब्रेकफास्ट सत्रों, मेडिकल सेमिनार्स, प्रदर्शनियों, भोजन और सामाजिक ‍मेलमिलाप का बहुत बड़ा आयोजन था। सम्मेलन की गतिविधियों का नेतृत्व संगठन के अध्यक्ष और ऑरलैंडो के स्थानीय डॉक्टर रवि जागीरदार ने किया। सम्मेलन समिति की अध्यक्षता डॉ. अमीश पारिख ने की, जिनकी डॉक्टरों और कार्यकर्ताओं और प्रायोजकों की एक बड़ी टीम ने कुशलतापूर्वक सहायता से आयोजन को सफल बनाया।  
 
हाल के एएपीआई सम्मेलन के प्रमुख वक्ताओं और मेहमानों में श्री श्री रविशंकर, नोबेल विजेता कैलाश सत्यार्थी, अमेरिका के सर्जन जनरल वाइस एडमिरल विवेक मूर्ति और प्रसिद्ध अमेरिकी वकील प्रीत भराड़ा शामिल थे। सभी वक्ताओं ने एएपीआई की अद्वितीय सेवाओं और समाज के प्रति योगदान की सराहना की और पेशे और गतिविधियों से समुदाय को अपना योगदान किया। संगठन शोध के प्रति बहुत प्रतिबद्ध और अमेरिका और भारत में चिकित्सा क्षेत्र को आगे बढ़ाने के प्रति समर्पित है। 
 
भारतीय मूल के लोगों के कुछेक दिनों के एक बड़े समारोह की मनोरंजन के बिना कल्पना नहीं की जा सकती है। सम्मेलन में गायक येसुदास, पार्श्व गायक कुमार शानू और प्रसिद्ध गायक सोनू निगम ने लगातार तीन रातों तक दर्शकों, श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। इसके अलावा, एक शाम फ्यूजन और फैशन की रही जिसे दर्शकों को बहुत पसंद किया।
 
अमेरिका के सर्जन जनरल, जो कि मात्र 37 वर्ष की आयु में इस पद पर आसीन होने वाले युवा हैं, वाइस एडमिरल विवेक मूर्ति ने अमेरिका में उनके नामांकन में सहयोग के लिए संगठन को धन्यवाद दिया। नोबेल विजेता कैलाश सत्यार्थी ने अपने संघर्ष और 35 वर्षों के बलिदान को याद किया और धरती से बाल श्रम को समाप्त करने के सपने को पुन: दोहराया। दर्शकों ने उनकी उपस्थित को सराहा और प्रशंसकों के साथ तस्वीरें खिंचवाने की उदारता दिखाई।        
 
सम्मेलन के अंतिम दिन एएपीआई की आगामी अध्यक्ष डॉ. सीमा जैन ने पदभार ग्रहण किया और नए प्रमुख के तौर पर शपथ ली। संगठन का अगला सम्मेलन 2, 3 और 4 जुलाई, 2016 को टाइम्स स्क्वायर, न्यूयॉर्क में होगा।    
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