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अमेरिकी विवि पर साइबर हमले के लिए भारतीय मूल के व्यक्ति को भरना होगा 86 लाख डॉलर का हर्जाना

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न्यूयॉर्क। अमेरिका के एक अग्रणी विश्वविद्यालय के कम्प्यूटर नेटवर्क पर साइबर हमले करने के मामले में भारतीय मूल के एक व्यक्ति को 86 लाख डॉलर का हर्जाना भरने और 6 महीने घर में कैद की सजा सुनाई गई है।
 
न्यूजर्सी के 22 वर्षीय पारस झा ने पहले अमेरिकी जिला न्यायाधीश माइकल शिप के समक्ष कम्प्यूटर धोखाधड़ी एवं दुरुपयोग अधिनियम का उल्लंघन करने का अपराध कबूल किया था। उसने क्लिक धोखाधड़ी वाले बॉटनेट बनाने में भी हिस्सा लिया जिससे हजारों उपकरण दुर्भावनापूर्ण सॉफ्टवेयर से प्रभावित हो गए।
 
पिछले हफ्ते ट्रेंनटन संघीय अदालत में सजा देने वाले शिप ने झा को निगरानी में 5 साल की रिहाई की सजा सुनाई और 2,500 घंटे की सामुदायिक सेवा करने का आदेश दिया। इसमें और अन्य मामलों में अदालत में दायर दस्तावेजों और बयानों के अनुसार नवंबर 2014 और सितंबर 2016 के बीच झा ने न्यूजर्सी स्थित रूटर विश्वविद्यालय के नेटवर्क पर 'डिस्ट्रीब्यूटेड डेनायल ऑफ सर्विस' (डीडीओएस) हमले किए।
 
झा के हमलों ने विश्वविद्यालय के केंद्रीय प्रमाणीकरण सर्वर को प्रभावी ढंग से बंद कर दिया, जो कि अन्य चीजों के साथ गेटवे पोर्टल को चालू रखता था जिसके माध्यम से कर्मचारी, संकाय और छात्र असाइनमेंट और आकलन भेजते थे। यदा-कदा वह लगातार कई अवधि के लिए पोर्टल को ऑफलाइन करने में सफल रहा जिससे विश्वविद्यालय, उसके संकाय और उसके छात्रों को नुकसान पहुंचा।
 
पिछले साल दिसंबर में पेंसिल्वेनिया के 21 वर्षीय जोशिया व्हाइट और लुइसियाना के 22 वर्षीय डाल्टन नॉर्मन के साथ झा ने अलास्का जिले में आपराधिक जानकारी के लिए गुनाह कबूल किया था जिसमें उन पर मिराई बॉटनेट का संचालन करके कम्प्यूटर धोखाधड़ी और दुर्व्यवहार अधिनियम का उल्लंघन करने की साजिश का आरोप लगाया गया था। (भाषा)
 

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