मोदी के फैसले से भारत में मुद्रा संकुचन

Webdunia
वाशिंगटन। भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बड़े मूल्य के करंसी नोटों का विमुद्रीकरण करने के फैसले का विरोध करते हुए सुप्रस‍िद्ध अमेरिकी अर्थशास्त्री स्टीव जे हेंक्स ने यहां बुधवार को कहा कि कि 'भारत ने नकदी' के खिलाफ एक युद्ध छेड़कर अर्थव्यवस्था को पूर्व प्रत्याशित 'मुद्रा संकुचन' की स्थिति में पहुंचा दिया है।

अपने बहुत सारे ट्‍वीट्‍स में बाल्टीमोर, मैरीलैंड की जॉन होप्किंस यूनिवर्सिटी में प्रायोजिक अर्थशास्त्र के जानकार प्रोफेसर हैंक्स ने कहा कि ' मोदी ने आधिकारिक तौर पर भारत की अर्थव्यवस्था को अपनी नकदी के खिलाफ युद्ध में संकुचन की हालत में पहुंचा दिया है। मैं ठीक ऐसे ही परिणाम की उम्मीद भी कर रहा था।' भारत में कैश के खिलाफ युद्ध से उत्पादन क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित होगा और इसका अर्थव्यवस्था पर विपरीत असर पड़ेगा।
 
वाशिंगटन डीसी में काटो इंस्टीट्‍यूट में 'ट्रब्लड करेंसीज प्रोजेक्ट' के निदेशक हैंक्स का कहना है कि विमुद्रीकरण से वर्ष 2017 में भारत की अर्थव्यवस्था नकारात्मक दौर में आ जाएगी। विमुद्रीकरण के बाद कुछ बैंकों द्वारा बैंकों की ब्याज दरों में कटौती की है ताकि आर्थिक गिरावट को रोका जा सके और निवेश को बढ़ावा दिया जा सके। उनका कहना है कि विमुद्रीकरण एक भयानक तबाही है। विमुद्रीकरण के बाद उत्पादन क्षेत्र को नए वर्क आर्डर मिलना बंद हो गए है और पिछले वर्ष में पहली बार उत्पादन में गिरावट आई है। 

 
Show comments

वर्कआउट करते समय क्यों पीते रहना चाहिए पानी? जानें इसके फायदे

तपती धूप से घर लौटने के बाद नहीं करना चाहिए ये 5 काम, हो सकते हैं बीमार

सिर्फ स्वाद ही नहीं सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है खाने में तड़का, आयुर्वेद में भी जानें इसका महत्व

विश्‍व हास्य दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

समर में दिखना है कूल तो ट्राई करें इस तरह के ब्राइट और ट्रेंडी आउटफिट

Happy Laughter Day: वर्ल्ड लाफ्टर डे पर पढ़ें विद्वानों के 10 अनमोल कथन

संपत्तियों के सर्वे, पुनर्वितरण, कांग्रेस और विवाद

World laughter day 2024: विश्‍व हास्य दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

फ़िरदौस ख़ान को मिला बेस्ट वालंटियर अवॉर्ड

01 मई: महाराष्ट्र एवं गुजरात स्थापना दिवस, जानें इस दिन के बारे में

अगला लेख