अब पगड़ी पहन सकेंगे एनवाईसीटीए के कर्मचारी

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अमेरिका में न्यूयॉर्क सिटी ट्रांजिट आथॉरिटी (एनवाईसीटीए) के कर्मचारी अब अपनी धार्मिक पगड़ी बिना सरकारी एजेंसी का लोगो लगाए पहन सकेंगे। 11 सितंबर के आतंकवादी हमले के बाद नए वर्दी नियम लागू होने के बाद कर्मचारियों के लिए यह बड़ी कानूनी जीत है।

अमेरिकी न्याय मंत्रालय ने गत दिवस एनवाईसीटीए के साथ एक समझौता किया। यह समझौता मंत्रालय की ओर से सितंबर 2004 में पूर्वी न्यूयॉर्क जिले के अमेरिकी जिला अदालत में वह शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद हुआ है, जिसमें उसने एनवाईसीटीए पर आरोप लगाया था कि वह धार्मिक भेदभाव कर रहा है।

इस समझौते के तहत एनवाईसीटीए को नई वर्दी पगड़ी नीति को मंजूरी देनी होगी, जिसके तहत सार्वजनिक संपर्क पदों जैसे बस एवं भूमिगत ट्रेन सेवा के कर्मचारियों को मेट्रोपॉलिटन ट्रांजिट अथॉरिटी (एमटीए) का लोगो लगाए बिना ही खिमार्स, पगड़ी, कुफीस, टोपी, साफा और स्कार्फ पहनने की इजाजत होगी। एमटीए रेल एवं बस ऑपरेटर एनवाईसीटीए की मूल एजेंसी है।

एनवाईसीटीए इसके साथ ही अपने आठ वर्तमान एवं पूर्व कर्मचारियों को 184500 डॉलर का भुगतान करेगा। इनमें से कुछ सिख और मुस्लिम हैं, जिन्होंने कथित रूप से रोजगार में भेदभाव के आरोप लगाए हैं। यह समझौता सिख एमटीए कर्मचारियों को पगड़ी पहनने की इजाजत देगा, यदि उनकी पगड़ी उनके नीले रंग की वर्दी के रंग की हो। इस समझौते के तहत एमटीए प्रबंधन एवं अन्य कर्मचारियों को नई नीति के तहत सघन प्रशिक्षण दिया जाएगा।

सिविल राइट्स डिविजन के अटॉर्नी जनरल थॉमस पेरेजे ने एक बयान में कहा, ‘यह समाधान समझौता स्पष्ट संदेश देता है कि न्याय मंत्रालय धार्मिक आधार पर भेदभाव बर्दाश्त नहीं करेगा।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि एनवाईसीटीए अपना वह भेदभावपूर्ण व्यवहार समाप्त करने को सहमत हो गया है, जिसके तहत वर्षों तक कर्मचारियों को धर्म का पालन करने या नौकरी में बने रहने के बीच फैसला करने को बाध्य किया गया।’ (भाषा)

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