गुयाना में भारतीयों के आगमन का 175वां वर्ष मनाया जाएगा

Webdunia
बुधवार, 1 मई 2013 (17:03 IST)
PR
गुयाना। अब से 175 वर्ष पहले भारतीय खेत मजदूरों को लेकर कलकत्ता (अब कोलकाता) से चला पानी का जहाज 112 दिन की खतरनाक समुद्री यात्रा कर दक्षिण अमेरिका के उत्तरी समुद्र तट पर 5 मई, 1838 को लगा था। तब से उन भारतीयों के वंशज आज गुयाना (तब ब्रिटिश गुयाना) के विभिन्न संस्कृतियों वाले देश का अभिन्न हिस्सा हैं।

इन्होंने अभी तक भारतीय संस्कृति और संस्कारों को यहां भी बनाए रखने का प्रशंसनीय काम भी किया है। ये लोग इस वर्ष 17 दशकों से अधिक समय के बाद कैरिबियाई द्वीपों के एक हिस्से के तौर पर मई की शुरुआत में समारोह मनाने जा रहे हैं।

बारबिस नदी के किनारे हाईबरी गांव में इन समारोहों की शुरुआत होगी और यह वह जगह है जहां हाइबरी बागान थे। इस शुगर एस्टेट पर भारतीय मजदूरों के पहले गुट ने काम शुरू किया था। उस समय पानी के जहाज व्हाइटबी ने हाईबरी गन्ने के खेतों में 128 गिरमिटिया मजदूरों को सबसे पहले उतारा था। बाद में, जहाज शेष मजदूरों को लेकर ब्रिटिश कॉलोनी के अन्य हिस्सों में गए थे।

इन्हें गिरमिटिया मजदूर इसलिए कहा जाता था क्योंकि इन्हें यहां काम करने के लिए एक एग्रीमेंट करना पड़ता था जिसे ये लोग एग्रीमेंट की बजाय गिरमिट कहते थे और इस तरह उनका नाम गिरमिटिया मजदूर पड़ा था। इस संदर्भ में उल्लेखनीय है कि हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भी एक गिरमिटिया कामगार थे जो एक एग्रीमेंट के तहत दक्षिण अफ्रीका में धनी बागान मालिकों के मुकदमे लड़ने के लिए भारत से दक्षिण अफ्रीका में पहुंचे थे।

बारबिस नदी के पूर्वी किनारे पर हाईबरी में कोलकाता मेमोरियल के एक प्रतिरूप (‍रेप्लिका) का अनावरण किया जाएगा। इसी तरह की एक दूसरी रेप्लिका को मोन्युमेंट गार्डन्स में अनावृ‍त किया जाएगा जहां भारतीयों के पहुंचने का 150वां वर्ष मनाया जा रहा है। यह रेप्लिका जॉर्ज टाउन केमोन्युमेंट गार्डन्स में शाम को 'पुष्पांजलि' नामक कार्यक्रम में अनावृत (अनवेल) की जाएगी।

5 मई को सुबह का कार्यक्रम हाईबरी में साढ़े दस बजे होगा। गुयाना में इस तरह के नियमित कार्यक्रम 1987 से शुरू हुए। जार्ज टाउन के मोन्युमेंट गार्डन्स को आईसीटी फाउंडेशन ने बनवाया था और यही इस देश में इस तरह के आयोजन करता है।

जब फाउंडेशन ने भारत सरकार को कहा कि वह इस अवसर पर कोई मोन्युमेंट भेजे तो सरकार ने कांसे की एक मूर्ति को यहां भेजा था। गुयाना में 5 मई को इंडियन अराइवल डे के तौर पर मनाया जाता है और उस दिन राष्ट्रीय अवकाश भी रहता है। पूरे देश में यह दिन नाच, गाने, हंसी-खुशी के कार्यक्रमों से बिताया जाता है।

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