बीजिंग । भारत के लिए मुक्केबाजी में पहला ओलिम्पिक पदक जीतने वाले विजेन्दर कुमार ने सेमीफाइनल में पराजित होने के बाद वादा किया कि व े चार साल बाद लंदन में होने वाले ओलिम्पिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर बीजिंग की भरपाई करेंगे।
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विजेंदर शुक्रवा र क ो यहाँ सेमीफाइनल में क्यूबा के एमेलियो कोरिया बायोक्स से अंकों के आधार पर 5-8 से हार गए लेकिन वह पहले ही काँस्य पदक अपने नाम पर पक्का कर चुके थे।
उन्होंने बाद में कहा कि मैं बहुत निराश हूँ तथा सभी से माफी माँगता हूँ कि मैं यह मुकाबला नहीं जीत पाया, लेकिन वादा करता हूँ मैं 2012 ओलिम्पिक में वापसी करके इस मुक्केबाज को हराकर स्वर्ण पदक जीतूँगा।
हरियाणा के इस मुक्केबाज को अब भी खुशी है कि वह भारत के लिए मुक्केबाजी में पहला पदक जीतने में सफल रहा। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि अब भारत में मुक्केबाजी के दिन बहुरेंगे। हमने इस खेल में अच्छी प्रगति की है और इसकी छाप यहाँ देखने को मिली।
विजेंदर क्यूबाई मुक्केबाज के खिलाफ दूसरे दौर के शुरू में ही 0-3 से पीछे हो गए थे, जिसके बाद उनके लिए वापसी करना मुश्किल हो गया था। उन्होंने कहा कि जब वह 3-0 से आगे हो गए तो वापसी करना मुश्किल था। मैंने दूसरे दौर में अंतर कम करने की बहुत कोशिश की लेकिन इसमें पूरी तरह से सफल नहीं रहा।
विजेन्दर ने कहा कि मैंने उसके दाएँ हाथ से पड़ने वाले मुक्कों के लिए अच्छी तैयारी कर रखी थी, लेकिन उसका बायाँ मुक्का भी समान रूप से मजबूत था और अक्सर मेरे पास उसका कोई जवाब नहीं था।
कोच गुरबख्शसिंह संधू भी बहुत नाखुश नहीं थे। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि कम से कम हम पदक जीतने में सफल रहे। यह हमारे लिए बड़ी उपलब्धि है। पहली बार तीन भारतीय क्वार्टर फाइनल में पहुँचे। हमने अपनी क्षमता दिखाई और अब सारी दुनिया हमें देख रही है। ( भाषा)