दर्शकों के कारण हारी- दीपिका कुमारी

Webdunia
मंगलवार, 7 अगस्त 2012 (23:13 IST)
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लंदन ओलिंपिक में पदक के सबसे बड़े दावेदारों में शामिल होने के बावजूद निराशाजनक ढंग से हारकर बाहर हुई दुनिया की नंबर एक तीरंदाज दीपिका कुमारी ने अपनी हार के लिए बड़ा ही अजीबोगरीब बहाना बनाते हुए मंगलवार को कहा कि उनकी पराजय का एक बड़ा कारण वहां स्टेडियम में दर्शकों की भारी भीड़ तथा उनके शोरगुल का दबाव भी था।

दीपिका ने यहां अपनी नियोक्ता कंपनी टाटा स्टील द्वारा आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भीड़ और शोरगुल वाले माहौल तथा लोगों की भारी उम्मीदों के बोझ ने उनके प्रदर्शन को प्रभावित किया। शायद दीपिका यह भूल गई थी कि ओलिंपिक में किसी भी मुकाबले को देखने के लिए स्टेडियम खचाखच भरे रहते हैं।

भारतीय तीरंदाज ने कहा कि तैयारी के दौरान खुले और शांत स्थान में अभ्यास करने और ओलिंपिक में भारी दर्शकों की भीड़ और हो-हल्ले के समक्ष स्टेडियम में मैच खेलने से काफी विपरीत असर पड़ा। खराब तबीयत ने भी खेल पर असर डाला। लंदन रवानगी से ठीक पहले उन्हें बुखार हो गया था।

18 वर्षीय मौजूदा राष्ट्रीय चैंपियन ने कहा कि अभी उम्र उनके साथ है और वे अगले ओलिंपिक में पदक जीतने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ेंगी। इस मौके पर टाटा आर्चरी से जुड़े भारतीय पुरुष ओलिंपिक टीम के सदस्य जयंत तालुकदार ने ओलिंपिक जैसी प्रतियोगिताओं को जीतने के लिए जरूरी आत्मविश्वास विकसित करने पर बल दिया।

उन्होंने साथ ही कहा कि तीरंदाजों के लिए बेहतरीन मनोवैज्ञानिक और शारीरिक प्रशिक्षकों (फिजियोथेरेपिस्ट) की उपलब्धता की जरूरत है। टाटा स्टील के उपाध्यक्ष (कॉर्पोरेट सेवाएं) तथा झारखंड तीरंदाजी संघ के अध्यक्ष संजीव पॉल ने कहा कि हार और जीत खेल का भाग हैं। दीपिका और जयंत इस हार से कुछ निराश हैं लेकिन पूरी तरह हताश नहीं। (वार्ता)

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