कब मनाएं गणगौर पर्व?

Webdunia
भारत भर में चैत्र शुक्ल तृतीया का दिन गणगौर पर्व के रूप में मनाया जाता है। हिन्दू समाज में यह पर्व विशेष तौर पर केवल स्त्रियों के लिए ही होता है।

इस दिन भगवान शिव ने पार्वतीजी को तथा पार्वतीजी ने समस्त स्त्री-समाज को सौभाग्य का वरदान दिया था। इस दिन सुहागिनें दोपहर तक व्रत रखती हैं। स्त्रियां नाच-गाकर, पूजा-पाठ कर हर्षोल्लास से यह त्योहार मनाती हैं।

FILE
गणगौर पर्व कब मनाएं :
गणगौर पर्व चैत्र शुक्ल तृतीया को मनाया जाता है, इसे गौरी तृतीया भी कहते हैं।

होली के दूसरे दिन (चैत्र कृष्ण प्रतिपदा) से जो कुमारी और विवाहित बालिकाएं, नवविवाहिताएं प्रतिदिन गणगौर पूजती हैं, वे चैत्र शुक्ल द्वितीया (सिंजारे) के दिन किसी नदी, तालाब या सरोवर पर जाकर अपनी पूजी हुई गणगौरों को पानी पिलाती हैं और दूसरे दिन सायंकाल के समय उनका विसर्जन कर देती हैं।

यह व्रत विवाहिता लड़कियों के लिए पति का अनुराग उत्पन्न करने वाला और कुमारियों को उत्तम पति देने वाला है। इससे सुहागिनों का सुहाग अखंड रहता है।
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

सावन मास के दौरान सपने में शिवजी या सांप दिखाई दे तो क्या होता है?

त्रिसंध्या क्या होती है, कैसे करते हैं इसे?

सावन सोमवार में भगवान शिवजी की 3 प्रकार से करें पूजा, फिर देखें चमत्कार

सूर्य का कर्क राशि में गोचर चमकाएगा इन 5 राशियों की किस्मत

सावन में सातमुखी रुद्राक्ष धारण करने से मिलते हैं चमत्कारी परिणाम, खुल जाएंगे धन और ऐश्वर्य के द्वार

सभी देखें

धर्म संसार

सावन मास का पहला प्रदोष कब है, जानें पूजा का मुहूर्त और संकट मुक्ति के 5 उपाय

कामिका एकादशी 2025 व्रत कथा, महत्व और लाभ: पापों से मुक्ति दिलाने वाला व्रत

मटन, चिकन और शराब... भारत के वो मंदिर जहां सावन में भी चढ़ता है मांस और मदिरा का प्रसाद

शिव पंचाक्षर स्तोत्र | Shiva panchakshar stotra

भगवान शिव का पंचाक्षरी मंत्र, इसका जप करने से भोले बाबा होंगे प्रसन्न