सद्‍गुरु की आरती

करें अपने गुरु की आरती

Webdunia
WD


गुरु आरती करने का मतलब सिर्फ दिखावा भर न होकर, यह तो अपने अंतकरण में, हृदय में उठ रहे भावों की व्याख्या हैं। अपने मन को अहंकार से दूर रखन े, म न क ो पवित् र करन े और भगवान तक पहुंचने की सीढ़ी है।

ॐ ये देवासो दिव्येकादशस्थ पृथिव्या मध्येकादश स्थ।

अप्सुक्षितो महिनैकादश स्थ ते देवासो यज्ञमिमं जुषध्वम्‌॥

ॐ अग्निर्देवता व्वातो देवता सूर्य्यो देवता चंद्रमा देवता।

व्वसवो देवता रुद्द्रा देवता ऽऽदित्या देवता मरुतो देवता।

व्विश्वेदेवा देवता बृहस्पति द्देवतेन्द्रो देवता व्वरुणो देवता।

कर्पूर गौरं करुणावतारं संसार सारं भुजगेन्द्रहारम्‌।

सदावसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानी सहितं नमामि॥
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

महाशिवरात्रि पर रात्रि के 4 प्रहर की पूजा का सही समय और पूजन विधि

शिव चालीसा पढ़ते समय ये गलतियां तो नहीं करते हैं आप?

मंगल ग्रह बदलेंगे चाल, क्या होगा देश दुनिया का हाल? किन 5 राशि वालों की चमकेगी किस्मत

Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि और शिवरात्रि में क्या है अंतर?

Mahashivratri 2025: कैसे करें महाशिवरात्रि का व्रत?

सभी देखें

धर्म संसार

21 फरवरी 2025 : आपका जन्मदिन

21 फरवरी 2025, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

ये है महाशिवरात्रि व्रत की प्रामाणिक विधि, जानिए पूजन और सामग्री की पूरी जानकारी

होली का डांडा कब गाड़ा जाएगा और होलाष्टक कब से हो रहा है प्रारंभ?

फुलेरा दूज कब है, क्यों मनाते हैं ये त्योहार?