राजस्‍थान में लगने वाले बाबा खाटू श्याम मेले की 5 खास बातें

WD Feature Desk
बुधवार, 5 मार्च 2025 (11:53 IST)
khatu shyam mela 2025 date: भगवान श्रीकृष्ण के वरदान के चलते कलियुग में आज भीम के पुत्र घटोत्कच और घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक को ही खाटू श्यामजी के नाम से पूजा जाता है। बर्बरीक से श्रीकृष्ण ने शीश मांगा तो बर्बरीक ने रातभर भजन किया और फाल्गुन शुक्ल द्वादशी को स्नान करके पूजा की और अपने हाथ से अपना शीश काटकर श्रीकृष्ण को दान कर दिया। इसी दिन की याद में इसी दिन की तिथि को मेला लगता है। अंग्रेंजी कैलेंडर के अनुसार इस बार यह मेला 28 फरवरी से प्रारंभ होकर 11 मार्च तक आयोजित किया जा रहा है। आओ जानते हैं इस मेले की 10 खास बातें।
 
मां सैव्यम पराजित:। 
अर्थात जो हारे हुए और निराश लोगों को संबल प्रदान करता है। 
 
1. राजस्थान के शेखावाटी के सीकर जिले में स्थित है परमधाम खाटू। यहां विराजित हैं भगवान श्रीकृष्ण के कलयुगी अवतार खाटू श्यामजी। श्याम बाबा की महिमा का बखान करने वाले भक्त राजस्थान या भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के कोने-कोने में मौजूद हैं।
 
2. खाटू का श्याम मंदिर बहुत ही प्राचीन है, लेकिन वर्तमान मं‍दिर की आधारशिला सन 1720 में रखी गई थी। इतिहासकार पंडित झाबरमल्ल शर्मा के मुताबिक सन 1679 में औरंगजेब की सेना ने इस मंदिर को नष्ट कर दिया था। मंदिर की रक्षा के लिए उस समय अनेक राजपूतों ने अपना प्राणोत्सर्ग किया था।
 
3. इसी मंदिर परिसर में लगता है बाबा खाटू श्याम का प्रसिद्ध मेला। हिन्दू मास फाल्गुन माह शुक्ल षष्ठी से बारस तक यह मेला चलता है। ग्यारस के दिन मेले का खास दिन रहता है। 
 
4. राजस्थान के सीकर जिले के खाटूधाम में भरने वाले बाबा श्याम के इस वार्षिक मेले में तकरीबन 20-30 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है।  
 
5. हर जगह से श्रद्धालु खाटू नगरी में बाबा के दर्शन के लिए आते हैं जिनमें कुछ श्रद्धालु रिंगस से पदयात्रा के 7 निशान यात्रा करते हुए बाबा के धाम पहुंचते हैं। निशान यात्रा करते समय भक्तगण बाबा खाटू श्याम जी का ध्वजा/नारियल के साथ-साथ बाबा जी की झांकी भी निकालते हैं।
मेले की अन्य खास बातें
 
कैसे पहुंचें: बाबा श्याम के दर्शन को खाटूधाम आने के सड़क, रेल और वायु मार्ग है। जयपुर के सांगानेर एयरपोर्ट से देश सहित विदेशों की उड़ाने हैं। जहां से 100 किमी दूरी से टेक्सी के जरिए आया जा सकता है। वहीं जयपुर, रींगस और सीकर रेल मार्ग से जुड़े हुए हैं। दिल्ली से सड़क मार्ग से गुडग़ाव, कोटपूतली, नीमकाथाना, श्रीमाधोपुर से रींगस होते हुए बस व कार से खाटू आया जा सकता है।

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