भीष्माष्टमी 2021 : 58 दिन बाद भीष्म ने देह को त्यागा तब उनकी उम्र क्या थी?

अनिरुद्ध जोशी
शरशय्या पर लेटने के बाद भी भीष्म प्राण नहीं त्यागते हैं। भीष्म के शरशय्या पर लेट जाने के बाद युद्ध और 8 दिन चला और इसके बाद भीष्म मैदान में अकेले लेटे रहे। वे सूर्य के उत्तरायण होने का इंतजार करते रहे और जब सूर्य मकर संक्रांति के दिन उत्तरायण हो गया तब वे माघ माह का इंतजार करते है और माघ माह में भी शुक्ल पक्ष की अष्टमी को उन्होंने देह छोड़ने का निर्णय लिया। 6 फरवरी 2021 को उनकी जयंती थी और बि 20 फरवरी 2021 को निर्वाण दिवस है।
 
 
भीष्म यह भलीभांति जानते थे कि सूर्य के उत्तरायण होने पर प्राण त्यागने पर आत्मा को सद्गति मिलती है और वे पुन: अपने लोक जाकर मुक्त हो जाएंगे इसीलिए वे सूर्य के उत्तरायण होने का इंतजार करते हैं। परंतु जब सूर्य उत्तरायण हो गया तब भी उन्होंने देह का त्याग नहीं किया क्योंकि शास्त्रों के अनुसार माघ माह का शुक्ल पक्ष उपमें उत्तम समय माना जाता है।
 
 
बाद में सूर्य के उत्तरायण होने पर माघ माह के आने पर युधिष्ठिर आदि सगे-संबंधी, पुरोहित और अन्यान्य लोग भीष्म के पास पहुंचते हैं। उन सबसे पितामह ने कहा कि इस शरशय्या पर मुझे 58 दिन हो गए हैं। मेरे भाग्य से माघ महीने का शुक्ल पक्ष आ गया। अब मैं शरीर त्यागना चाहता हूं। इसके पश्चात उन्होंने सब लोगों से प्रेमपूर्वक विदा मांगकर शरीर त्याग दिया। सभी लोग भीष्म को याद कर रोने लगे। युधिष्ठिर तथा पांडवों ने पितामह के शरविद्ध शव को चंदन की चिता पर रखा तथा दाह-संस्कार किया। कहते हैं कि भीष्म लगभग 150 वर्ष से अधिक समय तक जीकर निर्वाण को प्राप्त हुए। एक गणना अनुसार उनकी आयु लगभग 186 वर्ष की बताई जाती है। 
 
 
करीब 58 दिनों तक मृत्यु शैया पर लेटे रहने के बाद जब सूर्य उत्तरायण हो गया तब माघ माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को भीष्म पितामह ने अपने शरीर को छोड़ा था, इसीलिए यह दिन उनका निर्वाण दिवस है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

चैत्र नवरात्रि की सप्तमी, अष्टमी और नवमी तिथि का क्या है महत्व?

इस साल क्यों खास है राम नवमी? जानिए कैसे भगवान राम की कृपा से जीवन में आ सकती है समृद्धि

राम नवमी पर महातारा जयंती, जानिए माता की पूजा का मुहूर्त

श्रीराम राज्य महोत्सव: कहां तक थी राम राज्य की सीमा?

राम नवमी के दिन क्या करें और क्या नहीं, जान लीजिए नियम

सभी देखें

धर्म संसार

06 अप्रैल 2025 : आपका जन्मदिन

18 अप्रैल: गुड फ्राइडे पर जा रहे हैं चर्च, तो रखें इन बातों का विशेष ध्यान

06 अप्रैल 2025, रविवार के मुहूर्त

चैत्र नवरात्रि की नवमी पर कर लें ये खास उपाय, मातारानी होंगी प्रसन्न

अयोध्या से धनुषकोडी तक ये हैं श्रीराम के पौराणिक स्थानों पर स्थित 10 मंदिर

अगला लेख