Bada Mangal : कब है पहला बड़ा मंगल, जानिए महत्व और पूजा विधि

WD Feature Desk
सोमवार, 27 मई 2024 (09:57 IST)
Highlights : 
 
बुढ़वा मंगल 2024 में कब है।   
श्री हनुमान की पूजा  2024 में कब-कब होगी।  
बजरंगबली की पूजा कैसे करें। 

ALSO READ: Bada Mangal : इस शुभ योग में मनाया जाएगा बड़ा मंगल, जानें क्यों मनाते हैं?
 
 
Bada Mangal Puja : हिन्दू धर्मशास्त्रों में बजरंगबली के पूजा-अर्चना के लिए खास माना जाने वाला दिन यानी बड़ा मंगल का पर्व विशेष रूप से उत्तरप्रदेश में मनाया जानेवाला बड़ा त्योहार है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार इस पहले बड़े मंगल पर बहुत ही शुभ योग बना हैं, अतः इस  महत्व अधिक माना जा रहा हैं।   
 
बता दें कि इस बार पहला बड़ा मंगल व्रत  28 मई को पड़ रहा है, जो कि ब्रह्म योग में मनाया जा रहा है और उसकी शुरुआत अलसुबह 04 बजकर 27 मिनट से होकर रात्रि 02 बजकर 05 मिनट पर समापन होगा। अतः इस बार का पहला बड़ा मंगल व्रत बहुत ही शुभकारी माना जा रहा है।  
 
महत्व : Buda Mangal Importance

धार्मिक मान्यतानुसार ज्येष्ठ के मास में हनुमान जी की मुलाकात भगवान श्रीराम से हुई थी, अतः जेठ माह के हर मंगलवार पर हनुमान पूजा का खासा महत्व कहा गया है। इसीलिए हनुमान भक्तों के लिए यह दिन अत्यंत मंगलकारी माना जाता है, क्योंकि  इस माह के मंगल की महिमा अधिक माने जाने के कारण ही इस दिन का महत्व बढ़ जाता है।

बता दें कि मंगलवार के दिन खास तौर पर हनुमान जी के नैवेद्य में नमक, मिर्च का उपयोग नहीं किया जाता है। साथ ही इस दिन शाकाहारी भोजन ग्रहण करना उचित रहता हैं और मांसाहार का त्याग करना चाहिए और ब्रह्मचर्य का पालन जरूरी माना गया है।   

ALSO READ: Bada Mangal 2024 : जानें कब-कब रहेगा बड़ा मंगल, कर लिया इस दिन व्रत तो भाग्य बदल जाएगा
 
पूजा विधि- puja vidhi 
 
बड़ा मंगल व्रत के दिन प्रात: नित्य कर्म से निवृत्त होकर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण कर व्रत का संकल्प लें।  
फिर पूजा घर को साफ करके पूजन की तैयारी करें।
अब लकड़ी के पाट पर लाल अथवा पीला कपड़ा बिछा कर हनुमान जी की मूर्ति या चि‍त्र रखें। 
कुश के आसन पर बैठें और हनुमान जी की मूर्ति को स्नान कराएं। 
अगर चित्र है तो उसे अच्छे से साफ करें पोंछ लें। 
दीपक और धूप, अगरबत्ती जलाएं और पूजन प्रारंभ करें।
अपनी अनामिका अंगुली से हनुमान जी को तिलक लगा कर सिंदूर, चंदन आदि लगा कर पुष्प माला चढ़ाएं।
गुलाब के फूल अर्पित करके पंचोपचार पूजन करें। 
अब आरती करें।
अंत में हनुमान जी को नैवेद्य अर्पित करें और प्रसाद बाटें।
इस दिन श्री हनुमान जी के मंत्र, राम जी के मंत्र, हनुमान चालीसा आदि का पाठ करें और हनुमान जी से आशीर्वाद प्राप्त करके अपनी मनोकामना पूर्ण करने की विनती करें। 
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Weekly Horoscope: 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा सप्ताह, पढ़ें साप्ताहिक राशिफल (18 से 24 नवंबर)

Mokshada ekadashi 2024: मोक्षदा एकादशी कब है, क्या है श्रीकृष्‍ण पूजा का शुभ मुहूर्त?

Shani Margi: शनि का कुंभ राशि में मार्गी भ्रमण, 3 राशियां हो जाएं सतर्क

विवाह पंचमी कब है? क्या है इस दिन का महत्व और कथा

उत्पन्ना एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा?

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: आज क्‍या कहते हैं आपके तारे? जानें 22 नवंबर का दैनिक राशिफल

22 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

22 नवंबर 2024, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

Prayagraj Mahakumbh : 485 डिजाइनर स्ट्रीट लाइटों से संवारा जा रहा महाकुंभ क्षेत्र

Kanya Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: कन्या राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

अगला लेख