मां बगलामुखी की पौराणिक एवं प्रचलित कथा

Webdunia
मां बगलामुखी के संबंध में पौराणिक एवं प्रचलित कथा के अनुसार- एक बार सतयुग में महाविनाश उत्पन्न करने वाला ब्रह्मांडीय तूफान उत्पन्न हुआ, जिससे संपूर्ण विश्व नष्ट होने लगा। चारों ओर हाहाकार मच गया और संसार की रक्षा करना असंभव हो गया। 
 

 
यह तूफान सबकुछ नष्ट करता हुआ आगे बढ़ता जा रहा था, यह देख श्रीहरि भगवान विष्णु चिंतित हो गए। इस समस्या का कोई हल न निकलता देख वह भगवान भोलेनाथ का स्मरण करने लगे। तब शिव ने उन्हें दर्शन देकर कहा कि- शक्ति के अतिरिक्त अन्य कोई इस विनाश को रोक नहीं सकता, अत: आप उनकी शरण में जाइए। 
 
तब भगवान शिव की आज्ञा से श्रीहरि भगवान विष्णु हरिद्रा सरोवर के निकट पहुंचे और कठोर तप करने लगे। इस तप से उन्होंने महात्रिपुरासुंदरी को प्रसन्न किया। 
 
श्रीहरि विष्णु की साधना से देवी शक्ति प्रसन्न हुई और सौराष्ट्र क्षेत्र की हरिद्रा झील में जलक्रीडा करती महापीत देवी के हृदय से दिव्य तेज उत्पन्न हुआ और देवी बगलामुखी के रूप में प्रकट हुई। तब भगवती मां बगलामुखी ने प्रसन्न होकर विष्णु को इच्छित वर दिया, तब कहीं सृष्टि का विनाश रूक सका। 

 
Show comments

क्या कर्मों का फल इसी जन्म में मिलता है या अगले जन्म में?

वैशाख अमावस्या का पौराणिक महत्व क्या है?

शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि में होंगे वक्री, इन राशियों की चमक जाएगी किस्मत

Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया से शुरू होंगे इन 4 राशियों के शुभ दिन, चमक जाएगा भाग्य

Lok Sabha Elections 2024: चुनाव में वोट देकर सुधारें अपने ग्रह नक्षत्रों को, जानें मतदान देने का तरीका

धरती पर कब आएगा सौर तूफान, हो सकते हैं 10 बड़े भयानक नुकसान

घर के पूजा घर में सुबह और शाम को कितने बजे तक दीया जलाना चाहिए?

Astrology : एक पर एक पैर चढ़ा कर बैठना चाहिए या नहीं?

100 साल के बाद शश और गजकेसरी योग, 3 राशियों के लिए राजयोग की शुरुआत

Varuthini ekadashi 2024: वरुथिनी व्रत का क्या होता है अर्थ और क्या है महत्व

अगला लेख