chhath puja date and time 2019 : छठ महापर्व, जानिए हर दिन का पंचांग, तिथि और शुभ मुहूर्त

Webdunia
छठ पूजा, छठी माई पूजा, डाला छठ, सूर्य षष्ठी पूजा और छठ पर्व के नामों से पहचाने जाने वाले और 4 दिनों तक चलने वाले इस महापर्व का विशेष महत्व है। मुख्य रूप से यह पर्व सूर्य देव की उपासना के लिए मनाया जाता है।
 
ताकि परिवारजनों को उनका आशीर्वाद प्राप्त हो सके। इसके अलावा संतान के सुखद भविष्य के लिए भी इस व्रत को रखा जाता है। कहते है छठ पर्व का व्रत रखने से नि:संतानों को संतान भी प्राप्त हो जाती है। इसके अतिरिक्त मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भी छठ माई का व्रत रखा जाता है।
 
छठ पूजा का पूर्ण विवरण इस प्रकार है। यह महापर्व चार दिनों का होता है। जिसे नहाय खाय, लोहंडा या खरना, संध्या अर्ध्य और उषा अर्ध्य के रूप में मनाया जाता है। 
 
कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि की सुबह तक यह पूजा चलती है। शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को नहाय-खाय होता है। इसमें व्रती का मन और तन दोनों ही शुद्ध और सात्विक होते हैं। इस दिन व्रती शुद्ध सात्विक भोजन करते हैं। 
 
शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को खरना का विधान होता है व्रती सारा दिन निराहार रहते हैं और शाम के समय गुड़ वाली खीर का विशेष प्रसाद बनाकर छठ माता और सूर्य देव की पूजा करके खाते हैं। षष्ठी तिथि के पूरे दिन निर्जल रहकर शाम के समय अस्त होते सूर्य को नदी या तालाब में खड़े होकर अर्घ्य देते हैं और अपने मन की कामना सूर्यदेव को कहते हैं। 
 
सप्तमी तिथि के दिन भी सुबह के समय उगते सूर्य को भी नदी या तालाब में खड़े होकर जल देते हैं और अपनी मनोकामनाओं के लिए प्रार्थना करते हैं. आइए जानते हैं ये चारों तिथि किस दिन हैं और इन सभी दिनों के शुभ मुहूर्त क्या हैं : 
छठ पूजा 2019 का पंचांग और मुहूर्त 
 
छठ पूजा नहाय-खाए (31 अक्टूबर)
 
खरना का दिन (1 नवंबर)
 
छठ पूजा संध्या अर्घ्य का दिन (2 नवंबर)
 
उषा अर्घ्य का दिन (3 नवंबर)
 
पूजा के लिए शुभ मुहूर्त-
 
पूजा का दिन- 2 नवंबर, शनिवार
 
पूजा के दिन सूर्योदय का शुभ मुहूर्त- 06:33
 
छठ पूजा के दिन सूर्यास्त का शुभ मुहूर्त- 17:35
 
षष्ठी तिथि आरंभ- 00:51 (2 नवंबर 2019)
 
षष्ठी तिथि समाप्त- 01:31 (3 नवंबर 2019)

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

बांके बिहारी मंदिर में सिर्फ जन्माष्टमी पर ही क्यों होती है मंगला आरती, क्या है रहस्य

घर में कुत्ता पालने से कौन-सा ग्रह मजबूत होता है?

जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्‍ण को 8 वक्त क्यों लगाएं भोग, जानिए रहस्य

जन्माष्टमी पर अपनाएं श्री कृष्ण नीति के ये 5 गुण, सफलता चूमेगी आपके कदम

जन्माष्टमी के अवसर पर पढ़िए श्रीमद्भागवत गीता के 10 सबसे प्रभावशाली श्लोक और उनके अर्थ

सभी देखें

धर्म संसार

18 अगस्त 2025 : आपका जन्मदिन

18 अगस्त 2025, सोमवार के शुभ मुहूर्त

Aaj Ka Rashifal: सही निर्णय दिलाएंगे मनचाहा परिणाम, यहां पढ़ें 17 अगस्त का दैनिक राशिफल 12 राशियों के लिए

17 अगस्त 2025 : आपका जन्मदिन

17 अगस्त 2025, रविवार के शुभ मुहूर्त

अगला लेख