धूमावती जयंती पर ऐसे करें देवी मां का पूजन

राजश्री कासलीवाल
हिन्दू धर्म के अनुसार ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मां धूमावती जयंती मनाई जाती है। इस विशेष अवसर पर दस महाविद्या का पूजन किया जाता है। इस दिन धूमावती देवी के स्तोत्र का पाठ, सामूहिक जप-अनुष्ठान आदि किया जाता है। इस बार यह जयंती 2 जून को मनाई जाएगी। 
 
इस दिन विशेषकर काले तिल को काले वस्त्र में बांधकर मां धूमावती को चढ़ाने से  भक्त/साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मां धूमावती के दर्शन से संतान और पति  की रक्षा होती है। मां भक्तों के सभी कष्टों को मुक्त कर देने वाली देवी है। परंपरा है कि  इस दिन सुहागिनें मां धूमावती का पूजन नहीं करती हैं, बल्कि केवल दूर से ही मां के दर्शन  करती हैं।

ALSO READ: धूमावती जयंती : जब मां पार्वती ने ही निगल लिया भगवान शिव को, पढ़ें पवित्र कथा
 
मां का स्वरूप:-
 
मां पार्वती का धूमावती स्वरूप अत्यंत उग्र है। 
 
मां धूमावती विधवा स्वरूप में पूजी जाती हैं। 
 
मां धूमावती का वाहन कौवा है। 
 
श्वेत वस्त्र धारण कर खुले केश रूप में होती हैं। 
 
ऐसे करें मां का पूजन:-
 
मां धूमावती दस महाविद्याओं में अंतिम विद्या है, विशेषकर गुप्त नवरात्रि में इनकी पूजा  होती है। धूमावती जयंती के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर पूजा  स्थल को गंगाजल से पवित्र करके जल, पुष्प, सिन्दूर, कुमकुम, अक्षत, फल, धूप, दीप तथा  नैवैद्य आदि से मां का पूजन करना चाहिए।

इस दिन मां धूमावती की कथा का श्रवण करना  चाहिए। पूजा के पश्चात अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए मां से प्रार्थना अवश्य करनी  चाहिए, क्योंकि मां धूमावती की कृपा से मनुष्य के समस्त पापों का नाश होता है तथा दु:ख,  दारिद्रय आदि दूर होकर मनोवांछित फल प्राप्त होता है। 
 
ALSO READ: धूमावती कवच दिलाएगा शत्रु भय तथा कर्ज से ‍मुक्ति...
 
मंत्र : 
 
* ॐ धूं धूं धूमावत्यै फट्।। 
 
* धूं धूं धूमावती ठ: ठ:।
 
मां धूमावती का तांत्रोक्त मंत्र 
 
* धूम्रा मतिव सतिव पूर्णात सा सायुग्मे। 
सौभाग्यदात्री सदैव करुणामयि:।।
 
रुद्राक्ष माला से 108 बार, 21 या 51 माला का इन मंत्रों का जाप करें। मां की विशेष कृपा पाने के लिए उपरोक्त मंत्रों का जाप करना चाहिए। 
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

चैत्र नवरात्रि की सप्तमी, अष्टमी और नवमी तिथि का क्या है महत्व?

हिंदू नववर्ष पर घर के सामने क्यों बांधी जाती है गुड़ी?

चैत्र नवरात्रि 2025: नवरात्रि के पहले दिन भूलकर भी न करें ये 10 काम, बढ़ सकती हैं परेशानियां

29 मार्च को शनि और राहु की युति से बन रहा है पिशाच योग, बचने के 10 उपाय

सूर्य ग्रहण और शनि के मीन राशि में प्रवेश का दुर्लभ संयोग, क्या होगा देश दुनिया का हाल? कौनसी 6 राशियां रहेंगी बेहाल?

सभी देखें

धर्म संसार

26 मार्च 2025, बुधवार के शुभ मुहूर्त

29 मार्च को शनिश्चरी अमावस्या और सूर्य ग्रहण एक साथ, भूलकर भी न करें ये काम वर्ना...

गणगौर का त्योहार आया, सुहागनों का मन हर्षाया...जानिए गणगौर पूजा में क्यों गाए जाते हैं दोहे? पढ़ें ये 20 सुंदर दोहे

हिन्दू नववर्ष को किस राज्य में क्या कहते हैं, जानिए इसे मनाने के भिन्न भिन्न तरीके

गणगौर व्रत 2025: शिव-गौरी की कृपा पाने के लिए ऐसे मनाएं गणगौर, जानें पूजा विधि, दिनभर की रस्में और जरूरी सामग्री

अगला लेख