सुहागिनों का पवित्र पर्व गणगौर शुरू, 8 अप्रैल को मनेगी गणगौर तीज, होगा शिव-पार्वती का पूजन

Webdunia
* गणगौर तीज पर्व, 16 श्रृंगार से सजेंगी सुहागिनें
 
22 मार्च 2019 यानी होली के दूसरे दिन चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से 16 दिवसीय गणगौर पूजा का पर्व शुरू हो गया। गणगौर मुख्यत: राजस्थान में मनाया जाने वाला पर्व है। यह पर्व विशेष रूप से सुहागिन महिलाएं मनाती हैं। सुहागिनें अपनी पति की लंबी आयु और कुशल वैवाहिक जीवन के लिए तथा अविवाहित कन्याएं मनोवांछित वर पाने के लिए गणगौर व्रत एवं पूजन करती है। 
 
इस पर्व के दिनों में कुंवारी और विवाहित महिलाएं, नवविवाहिताएं प्रतिदिन गणगौर पूजती हैं तथा वे चैत्र शुक्ल द्वितीया (सिंजारे) के दिन किसी नदी, तालाब या सरोवर पर जाकर अपनी पूजी हुई गणगौरों को पानी पिलाती हैं और दूसरे दिन सायंकाल के समय उनका विसर्जन कर देती हैं।
 
भारत भर में चैत्र शुक्ल तृतीया का दिन गणगौर पर्व के रूप में मनाया जाता है। हिन्दू समाज में यह पर्व विशेष तौर पर केवल सुहागिन महिलाओं के लिए ही होता है। इस दिन भगवान शिव ने पार्वतीजी को तथा पार्वतीजी ने समस्त स्त्री-समाज को सौभाग्य का वरदान दिया था। इस दिन सुहागिनें दोपहर तक व्रत रखती हैं। महिलाएं नाच-गाकर, पूजा-पाठ कर हर्षोल्लास से यह त्योहार मनाती हैं। 
 
कुंवारी कन्याएं भी सुयोग्य वर पाने के लिए गणगौर माता का पूजन करती है। 16 दिवसीय गणगौर पूजा का पर्व की शुरुआत होली के दूसरे दिन से हो गई है तथा सोलह दिन तक गौरी-ईसरकी पूजा की जाएगी। इस वर्ष गणगौर का पर्व 8 अप्रैल 2019 को मनाया जाएगा, यानी चैत्र शुक्ल नवरात्रि की तृतीया तिथि को सोलहवें दिन गणगौर पर्व के रूप में मनाया जाएगा। इस दिन महिलाएं अपने सुहाग की लंबी उम्र के लिए सोलह श्रृंगार कर गणगौर पर्व मनाएंगी। 
 
भारतीय धर्म संस्कृति में यह व्रत विवाहित महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना गया है, इससे सुहागिनों का सुहाग अखंड रहता है और कुंवारी कन्याओं को मनपसंद जीवनसाथी मिलता है। यह गणगौर पर्व चैत्र शुक्ल तृतीया को मनाया जाता है, इसे गौरी तृतीया भी कहते हैं। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

पढ़ाई में सफलता के दरवाजे खोल देगा ये रत्न, पहनने से पहले जानें ये जरूरी नियम

Yearly Horoscope 2025: नए वर्ष 2025 की सबसे शक्तिशाली राशि कौन सी है?

Astrology 2025: वर्ष 2025 में इन 4 राशियों का सितारा रहेगा बुलंदी पर, जानिए अचूक उपाय

बुध वृश्चिक में वक्री: 3 राशियों के बिगड़ जाएंगे आर्थिक हालात, नुकसान से बचकर रहें

ज्योतिष की नजर में क्यों है 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

सभी देखें

धर्म संसार

23 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

23 नवंबर 2024, शनिवार के शुभ मुहूर्त

Vrishchik Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: वृश्चिक राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

हिंदू कैलेंडर के अनुसार मार्गशीर्ष माह की 20 खास बातें

Kaal Bhairav Jayanti 2024: काल भैरव जयंती कब है? नोट कर लें डेट और पूजा विधि

अगला लेख