जानिए हरछठ (हलषष्ठी) व्रत की 6 विशेषताएं

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प्रतिवर्ष भाद्रपद माह की छठी तिथि को महिलाएं अपने पुत्र के दीर्घायु होने और उन्हें असामयिक मौत से बचाने के लिए हरछठ या हलषष्ठी व्रत करती हैं। इस दिन महिलाएं ऐसे खेत में पैर नहीं रखतीं, जहां फसल पैदा होनी हो और ना ही पारणा करते समय अनाज व दूध-दही खाती है।
 

 

आइए जानें हरछठ (हलषष्ठी) व्रत की विशेषताएं 


 
* इस दिन हल पूजा का विशेष महत्व है।

* इस दिन गाय के दूध व दही का सेवन करना वर्जित माना गया है।

* इस दिन हल जुता हुआ अन्न तथा फल खाने का विशेष माहात्म्य है।

* इस दिन महुए की दातुन करना चाहिए।

* यह व्रत पुत्रवती स्त्रियों को विशेष तौर पर करना चाहिए। 

* हरछठ के दिन दिनभर निर्जला व्रत रखने के बाद शाम को पसही के चावल या महुए का लाटा बनाकर पारणा करने की मान्यता है। 

 
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