वर्ष 2019 में हरतालिका तीज कब? पूजा का शुभ मुहूर्त जानिए, कथा के अनुसार भूलकर भी न करें यह 6 गलतियां

Webdunia
साल 2019 में हरतालिका तीज का व्रत 1 सितंबर रविवार के दिन ही रखा जाएगा। तृतीया तिथि 1 सितंबर रविवार प्रातःकाल 8 बजकर 27 मिनट पर आरंभ होगी। 2 सितंबर सोमवार प्रातःकाल 4 बजकर 57 मिनट पर तृतीया तिथि समाप्त होगी। 
 
हरतालिका व्रत प्रातःकाल की पूजा का शुभ मुहूर्त होगा 8 बजकर 27 मिनट से 8 बजकर 34 मिनट तक
हरतालिका व्रत प्रदोषकाल पूजा का शुभ समय होगा 6 बजकर 39 मिनट से 8 बजकर 56 मिनट तक
 
प्रदोषकाल पूजा की कुल अवधि 2 घंटे 17 मिनट की होगी। 
 
 
हरतालिका तीज की कथा में जिक्र आता है कि इस दिन किन कार्यों को करने से बचना चाहिए। यह बातें आस्था और मान्यता से जुड़ी हैं। वेबदुनिया यहां उसे यथावत प्रस्तुत कर रही है। वेबदुनिया टीम स्पष्ट करती है कि पाठक इन पर स्वविवेक से निर्णय करें। 
 
1. इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं और युवतियों को पूरी रात जागना होता है। पूजा करनी होती है। यदि कोई महिला व्रत के दौरान सो जाती है तो वह अगले जन्म में अजगर के रूप में जन्म लेती है। 
 
2. हरिताल‌िका निर्जला व्रत होता है। इस दिन व्रत के दौरान कोई महिलाएं या युवतियां फल खा लेती है तो उसे अगले जन्म में वानरी का जन्म मिलता है।
 
3. महिलाएं यदि व्रत के चलते मीठा सेवन कर लेती है तो वह अगले जन्म में मक्खी बनती है। 
 
4. इस व्रत के दौरान 24 घंटे जल की एक भी बूंद नहीं पी जाती है। फिर भी कोई युवतियां या सुहागिन महिलाएं जल पी ले तो वह अगले जन्म में मछली बनकर जन्म लेती है। 
 
5. अगर जो महिलाएं इस दिन गलती से भी मांस का सेवन कर लेती हैं तो अगले जन्म में उसे शेरनी का जन्म मिलता है। 
 
6. सुहागिन महिलाएं या युवतियां इस व्रत के दौरान यदि दूध पी लेती हैं तो अगले जन्म में उसे सर्प योनी मिलती है।
 
नोट : यहां प्रस्तुत बातें हरतालिका तीज की कथा से ली गई है। वेबदुनिया इनका समर्थन नहीं करती है। 

ALSO READ: हरतालिका तीज 2019 कब है? जानिए श्रेष्ठ शुभ मुहूर्त, व्रत कथा और पूजा विधि
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

इजराइल के दुश्मन क्यों है ईरान सहित सभी मुस्लिम देश?

12 जून से मांगलिक कार्यों पर लगेगा विराम, 5 माह तक नहीं होंगे शुभ कार्य

वट सावित्री व्रत दो बार क्यों मनाया जाता है?

शनि देव को अतिप्रिय हैं ये चार फूल: शनि जयंती पर चढ़ाने से दूर होंगे शारीरिक तथा मानसिक कष्ट

वट सावित्री व्रत के दिन नहीं मिले बरगद का पेड़ तो ऐसे करें पूजा

सभी देखें

धर्म संसार

25 मई 2025 : आपका जन्मदिन

वट सावित्री व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

25 मई 2025, रविवार के शुभ मुहूर्त

कांस में ऐश्वर्या ने मांग में सजाया सिन्दूर, दुनिया को दिया देश की संस्कृति और ताकत का संदेश

आल्हा ऊदल ने क्यों लड़ा था पृथ्‍वीराज चौहान से युद्ध?

अगला लेख