अंग्रेजी कैलेंडर का नया माह नवंबर प्रारंभ हो गया है। नवंबर माह के पहले ही सप्ताह में सूर्य देव और छठी मैया की उपासना का पर्व छठ पूजा है। छठ पूजा बिहार, झारखंड, यूपी, दिल्ली, मुंबई जैसे राज्यों और शहरों में धूमधाम से मनाया जाता है। इसके बाद अक्षय नवमी, गोपाष्टमी, देवउठनी एकादशी, तुलसी विवाह, शनि प्रदोष, वैकुण्ठ चतुर्दशी, देव दीपावली, कार्तिक पूर्णिमा और पुष्कर स्नान जैसे महत्वपूर्ण व्रत एवं त्योहार आने वाले हैं। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार यह सभी महत्वपूर्ण व्रत एवं त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में आ रहे हैं।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन सिखों के गुरु नानक देव जी की जयंती है, यह सिखों का सबसे बड़ा पर्व है, इसे गुरु पर्व या प्रकाश पर्व भी कहा जाता है। यह दीपावली के 15 दिनों बाद मनाया जाता है। वहीं कार्तिक पूर्णिमा के दिन हिन्दुओं में स्नान का विशेष महत्व है। 12 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के बाद हिन्दू कैलेंडर का नया मास प्रारंभ हो जाएगा। इसमें काल भैरव जयंती, उत्पन्ना एकादशी, मार्गशीर्ष या दर्श अमावस्या, मासिक शिवरात्रि, विनायक चतुर्थी जैसे व्रत एवं त्योहार आएंगे।
01 नवंबर- शुक्रवार, लाभ पंचमी, छठ पूजा खरना।
02 नवंबर- शनिवार: छठ पूजा संध्या अर्घ्य।
04 नवंबर- सोमवार: गोपाष्टमी, मासिक दुर्गाष्टमी, छठ पूजा सूर्योदय अर्घ्य और पारण।
05 नवंबर- मंगलवार: अक्षय नवमी, जगद्धात्री पूजा।
07 नवंबर- गुरुवार: कंस वध।
08 नवंबर- शुक्रवार: देवउठनी एकादशी, भीष्म पंचक प्रारंभ, योगेश्वर द्वादशी।
09 नवंबर- शनिवार: तुलसी विवाह, शनि प्रदोष व्रत, शनि त्रयोदशी।
10 नवंबर- रविवार: वैकुण्ठ चतुर्दशी, विश्वेवर व्रत।
11 नवंबर- सोमवार: मणिकर्णिका स्नान, चौमासी चौदस।
12 नवंबर- मंगलवार: देव दीपावली, कार्तिक पूर्णिमा, पुष्कर स्नान। गुरुनानक देव की जयंती।
13 नवंबर- बुधवार: मार्गशीर्ष प्रारंभ।
14 नवंबर- गुरुवार: रोहिणी व्रत।
15 नवंबर- शुक्रवार: संकष्टी चतुर्थी।
17 नवंबर- रविवार: वृश्चिक संक्रांति।
19 नवंबर- मंगलवार: काल भैरव जयंती।
22 नवंबर- शुक्रवार: उत्पन्ना एकादशी।
23 नवंबर- शनिवार: गौड़ उत्पन्ना एकादशी, वैष्णव उत्पन्ना एकादशी।
24 नवंबर- रविवार: रवि प्रदोष व्रत।
25 नवंबर- सोमवार: मासिक शिवरात्रि।
26 नवंबर- मंगलवार: मार्गशीर्ष या दर्श अमावस्या।
30 नवंबर- शनिवार: विनायक चतुर्थी।