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Onam festival: ओणम के दिन क्या करते हैं, कैसे मनाते हैं यह त्योहार, पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?

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WD News Desk

, शुक्रवार, 5 सितम्बर 2025 (09:21 IST)
Happy Onam 2025 In Hindi: ओणम केरल का एक प्रमुख त्योहार है, जो 10 दिनों तक चलता है। यह केरलवासियों के लिए फसल कटाई का उत्सव है। इसे मलयाली कैलेंडर के चिंगम (Chingam) माह में मनाया जाता है। यह भगवान विष्णु के वामन अवतार और राजा महाबलि के पृथ्वी पर वापस आने की याद में मनाया जाता है। मलयालम पंचांग कैलेंडर के अनुसार 2025 में ओणम 5 सितंबर, दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा...ALSO READ: 2025 में ओणम कब है, जानें शुभ मुहूर्त, कथा, महत्व और इतिहास
 
ओणम के दिन क्या करते हैं और कैसे मनाते हैं? ओणम का त्योहार कई परंपराओं और रीति-रिवाजों से भरा है। इन 10 दिनों में हर दिन का एक विशेष महत्व होता है।
 
दिन 1: अथम (Atham) यह ओणम का पहला दिन है। इस दिन लोग अपने घरों को साफ करते हैं और पारंपरिक रूप से पूकलम (Pookalam) बनाना शुरू करते हैं। पूकलम फूलों से बनी एक रंगोली होती है, जिसे घर के प्रवेश द्वार पर बनाया जाता है। पहले दिन एक फूल से इसकी शुरुआत की जाती है और हर दिन इसमें एक और परत जोड़ी जाती है।
 
दिन 2: चिथिरई (Chithirai) दूसरे दिन पूकलम में दो से तीन और फूल जोड़े जाते हैं। लोग अपने घरों को और भी सजाते हैं।
 
दिन 3: कोडी (Kodi) इस दिन लोग अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को ओणम की बधाई देते हैं। लोग नए कपड़े और उपहार खरीदते हैं, जिन्हें ओणम कोडी या ओनाक्कोडी (Onam Kodi, onakodi) कहा जाता है। बता दें कि ओणक्कोडी त्योहार के लिए नए वस्त्र खरीदना ओणम पर्व का एक अनिवार्य हिस्सा होता है। 
 
दिन 4: विशाकम (Visakam) यह दिन ओणम सद्या (Onam Sadya) के लिए तैयारियां शुरू करने का होता है। सद्या एक विशेष दावत है जिसमें 24 से अधिक व्यंजन होते हैं।
 
दिन 5: अनिजम (Anizham) इस दिन केरल के कुछ हिस्सों में पारंपरिक नौका दौड़ प्रतियोगिताएंहोती हैं, जिन्हें वलम काली (Vallam Kali) कहते हैं।ALSO READ: Vamana Jayanti 2025: वामन जयंती कब है, जानें मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र और महत्व
 
दिन 6: थ्रिकेता (Thriketta) परिवार के सदस्य और दोस्त एक-दूसरे से मिलते हैं और घरों को फूलों से सजाते हैं।
 
दिन 7: मूलम (Moolam) इस दिन छोटे-छोटे ओणम सद्या का आयोजन किया जाता है। कई जगहों पर पारंपरिक नृत्य और खेल भी होते हैं।
 
दिन 8: पूरदम (Pooradam) इस दिन लोग मिट्टी से बनी भगवान वामन और राजा महाबलि की मूर्तियों को पूकलम के बीच में स्थापित करते हैं, जिन्हें ओणथप्पन (Onathappan) कहते हैं।
 
दिन 9: उथ्रादम (Uthradam) यह ओणम से एक दिन पहले का दिन है, जिसे ओणम की पूर्व संध्या के रूप में जाना जाता है। इस दिन राजा महाबलि की धरती पर वापसी मानी जाती है। लोग फसल की कटाई करते हैं और घर को सजाते हैं।
 
दिन 10: थिरुवोनम (Thiruvonam) यह ओणम का सबसे महत्वपूर्ण और अंतिम दिन है। इस दिन लोग सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और नए कपड़े पहनते हैं। फिर वे ओणम सद्या (Onam Sadya) नामक पारंपरिक दावत का आनंद लेते हैं। इस दावत में विभिन्न प्रकार के व्यंजन होते हैं, जिन्हें केले के पत्ते पर परोसा जाता है। लोग एक-दूसरे को उपहार देते हैं और खुशियां मनाते हैं।
 
ओणम पूजा का शुभ मुहूर्त: ओणम के 10वें दिन, जिसे थिरुवोनम (Thiruvonam) कहते हैं, पूजा का शुभ मुहूर्त होता है। इस साल ओणम सितंबर 2025 में मनाया जाएगा।

थिरुवोनम तिथि का शुभ मुहूर्त इस प्रकार है:
 
थिरुवोणम 2025 : शुक्रवार, 5 सितंबर को
थिरुवोणम् नक्षत्रम् प्रारम्भ - 4 सितंबर की रात 11:44 बजे से, 
थिरुवोणम् नक्षत्रम् समाप्त - 5 सितंबर की रात 11:38 बजे समाप्त होगा।
 
ओणम के दिन लोग सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद पूजा करते हैं। इसके लिए कोई विशेष मुहूर्त नहीं होता, क्योंकि पूरा दिन शुभ माना जाता है। हालाँकि, लोग सुबह 6 बजे से 10 बजे के बीच पूजा करना पसंद करते हैं।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

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