चेटीचंड पर्व की प्रामाणिक पूजन विधि

श्री रामानुज
चेटीचंड के अवसर पर सिन्धी समुदाय द्वारा भगवान झूलेलाल की शोभायात्रा निकाली जाती है। इसके अलावा इस दिन कई धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
 
सिन्धियों द्वारा मनाए जाने वाले भगवान झूलेलाल जन्मोत्सव या चेटीचंड की शुरुआत सुबह टिकाणे (मंदिरों) के दर्शन और बुजुर्गों के आशीर्वाद से होती है। चेटीचंड के मौके पर जल यानी वरुण देवता की भी पूजा की जाती है, क्योंकि भगवान झूलेलाल को जल देवता के अवतार के तौर पर भी पूजा जाता है।
 
चेटीचंड के दिन सिन्धी समाज के लोग नदी और झील के किनारे पर बहिराणा साहिब की परंपरा को पूरा करते हैं। बहिराणा साहिब, इसमें आटे की लोई पर दीपक, मिश्री, सिन्दूर, लौंग, इलायची, फल आदि रखकर पूजा करते हैं और उसे नदी में प्रवाहित किया जाता है। इस दिन सिन्धु नदी के तट पर 'चालीहो साहब' नामक पूजा-अर्चना की जाती है। सिन्धी समुदाय के लोग जल देवता से प्रार्थना करते हैं कि वे बुरी शक्तियों से उनकी रक्षा करें।
 
इस परंपरा का उद्देश्य है, मन की इच्छा पूरी होने पर ईश्वर के प्रति आभार प्रकट करना और जलीय जीवों के भोजन की व्यवस्था करना। इस मौके पर भगवान झूलेलाल की मूर्ति पूजा की जाती है।
 
पूजन के दौरान सभी लोग एक स्वर में जयघोष करते हुए कहते हैं- 'चेटीचंड जूं लख-लख वाधायूं'। चेटीचंड के मौके पर सिन्धी समाज में नवजात शिशुओं का मंदिरों में मुंडन भी कराया जाता है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

वर्ष 2025 में क्या होगा देश और दुनिया का भविष्य?

Vastu Tips : घर बनाने जा रहे हैं तो जानें कि कितना बड़ा या किस आकार का होना चाहिए

Jupiter Transit 2024 : वृषभ राशि में आएंगे देवगुरु बृहस्पति, जानें 12 राशियों पर क्या होगा प्रभाव

Politicians zodiac signs: राजनीति में कौनसी राशि के लोग हो सकते हैं सफल?

वैशाख मास में दान देने का है खास महत्व, जानें किन चीज़ों का करते हैं दान

Sankashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी आज, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और कथा

Aaj Ka Rashifal: इन 3 राशियों के रुके कार्य होंगे पूरे, जानें बाकी राशियों के लिए कैसा रहेगा 27 अप्रैल का दिन

कुंडली मिलान में नाड़ी मिलान क्यों करते हैं?

27 अप्रैल 2024 : आपका जन्मदिन

27 अप्रैल 2024, शनिवार के शुभ मुहूर्त

अगला लेख