Jivitputrika Jitiya Vrat 2021 : व्रत से जुड़ी 10 परंपरा

Webdunia
Jivitputrika Vrat 2021
 

प्रतिवर्ष आश्विन कृष्ण अष्टमी तिथि को जीवित्पुत्रिका व्रत रखा जाता है। इसे जितिया या जिउतिया व्रत के नाम भी जानते हैं। माताएं अपनी संतान के स्वास्थ्य, लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना से यह व्रत रखती हैं। 
 
जानिए 10 परंपराएं-
 
1. सनातन धर्म में पूजा-पाठ के दौरान मांसाहार खाने की मनाही है, लेकिन बिहार में कई जगहों पर इस व्रत की शुरुआत मछली खाकर की जाती है।
 
2. पौराणिक कथाओं में परंपरा के पीछे जीवित्पुत्रिका व्रत की कथा में वर्णित चील और सियार का होना माना जाता है।
 
3. कई स्थानों पर जीवित्पुत्रिका व्रत को रखने से पहले महिलाएं गेहूं के आटे की रोटियां खाने की बजाए मरुआ के आटे की रोटियां खाती हैं। ऐसा सदियों से होता चला आ रहा हैं, लेकिन इस परंपरा के पीछे का कारण ठीक से स्पष्ट नहीं है। 
 
4. इस दिन माताएं उपवास रखकर अपने वंश की वृद्धि और प्रगति के लिए बांस के पत्रों से पूजन करती है। 
 
5. जितिया व्रत को रखने से पहले नोनी का साग खाने की भी परंपरा है। इस संबंध में माना जाता हैं कि नोनी के साग में कैल्शियम और आयरन भरपूर मात्रा में होता है। जिसके कारण व्रतधारी को पोषक तत्वों की कमी महसूस नहीं होती है।
 
6. इस व्रत के पारण के बाद महिलाएं जितिया का लाल रंग का धागा गले में पहनती है तथा कई स्थानों पर व्रती महिलाएं जितिया का लॉकेट भी धारण करती हैं।
 
7. जीवित्पुत्रिका व्रत में पूजा के दौरान सरसों का तेल और खल चढ़ाने की मान्यता है और व्रत पारण के बाद यह तेल बच्चों के सिर पर आशीर्वाद के तौर पर लगाया जाता हैं।
 
8. जीवित्पुत्रिका या जिउतिया व्रत में सरगही या ओठगन की परंपरा भी है। इस व्रत में सतपुतिया की सब्जी का विशेष महत्व है। 
 
9. जीवित्पुत्रिका व्रत से एक दिन पहले आश्विन कृष्ण सप्तमी को व्रती महिलाएं मड़ुआ की रोटी व नोनी की साग खाती हैं। रात को बने अच्छे पकवान में से पितरों, चील, सियार, गाय और कुत्ता का अंश निकाला जाता है। 
 
10. जीवित्पुत्रिका व्रत संतान की लंबी उम्र और मंगल कामना के लिए हर साल परंपरा को निभाते हुए मनाया जाता है। यह व्रत छठ पर्व की तरह ही निर्जला और निराहार रह कर महिलाएं करती हैं।
 
ALSO READ: जीवित्पुत्रिका या जितिया व्रत क्या है, जानिए पारण मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया से शुरू होंगे इन 4 राशियों के शुभ दिन, चमक जाएगा भाग्य

Astrology : एक पर एक पैर चढ़ा कर बैठना चाहिए या नहीं?

Lok Sabha Elections 2024: चुनाव में वोट देकर सुधारें अपने ग्रह नक्षत्रों को, जानें मतदान देने का तरीका

100 साल के बाद शश और गजकेसरी योग, 3 राशियों के लिए राजयोग की शुरुआत

Saat phere: हिंदू धर्म में सात फेरों का क्या है महत्व, 8 या 9 फेरे क्यों नहीं?

Shiv Chaturdashi: शिव चतुर्दशी व्रत आज, जानें महत्व, पूजा विधि और मंत्र

Aaj Ka Rashifal: आज किसे मिलेगा करियर, संपत्ति, व्यापार में लाभ, जानें 06 मई का राशिफल

06 मई 2024 : आपका जन्मदिन

06 मई 2024, सोमवार के शुभ मुहूर्त

Weekly Forecast May 2024 : नए सप्ताह का राशिफल, जानें किन राशियों की चमकेगी किस्मत (06 से 12 मई तक)

अगला लेख