आज कैसे मनाएं शरद पूर्णिमा, पढ़ें 7 काम की बातें

Webdunia
1. इस दिन प्रात: काल स्नान करके आराध्य देव को सुंदर वस्त्राभूषणों से सुशोभित करके आह्वान, आसन, आचमन, वस्त्र, गंध, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप नैवेद्य, ताम्बूल, सुपारी, दक्षिणा आदि से उनका पूजन करना चाहिए।
 
2. रात्रि के समय गौदुग्ध (गाय के दूध) से बनी खीर में घी और चीनी मिलाकर अर्धरात्रि के समय भगवान को अर्पण करें।
 
3. पूर्ण चंद्रमा के आकाश के मध्य स्थित होने पर उनका पूजन करें और खीर का नैवेद्य अर्पण करके, रात को खीर से भरा बर्तन खुली चांदनी में रखकर दूसरे दिन उसका भोजन करें और सबको प्रसाद दें।
 
4. पूर्णिमा का व्रत करके कथा सुनें। कथा सुनने से पहले एक लोटे में जल और गिलास में गेहूं, पत्ते के दोनों में रोली और चावल रखकर कलश की वंदना करके दक्षिणा चढ़ाएं। फिर तिलक करने के बाद गेहूं के 13 दाने हाथ में लेकर कथा सुनें, फिर गेहूं का गिलास उन्हें दे दें। लोटे के जल का रात को चंद्रमा को अर्घ्य दें।
 
5. पौराणिक मान्यता के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात को चांद पूरी सोलह कलाओं से पूर्ण होता है। इस दिन चांदनी सबसे तेज प्रकाश वाली होती है। माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा की किरणों से अमृत गिरता है। ये किरणें सेहत के लिए काफी लाभदायक मानी जाती है।
 
6 . वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो माना जाता है कि इस दिन से मौसम में परिवर्तन होता है और शीत ऋतु की शुरुआत होती है। इस दिन खीर खाने को अच्छा माना जाता है क्योंकि अब ठंड का मौसम आ गया है इसलिए गर्म पदार्थों का सेवन करना शुरू कर दें। ऐसा करने से हमें ऊर्जा मिलती है।
 
7. शरद पूर्णिमा का चांद सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। इसका चांदनी से पित्त, प्यास और दाह दूर हो जाते हैं। दशहरे से शरद पूर्णिमा तक रोज रात में 15 से 20 मिनट तक चांदनी का सेवन करना चाहिए। यह काफी फायदेमंद है।

ALSO READ: शरद पूर्णिमा को मंत्र नहीं पढ़ सकते तो यह लोककथा भी देगी मनचाहा वरदान, पढ़ें और घर में सबको सुनाएं

ALSO READ: शरद पूनम पर श्री गणेश का यह मंत्र पढ़ेंगे तो कभी नहीं होगी धन की कमी

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

इस मंदिर में है रहस्यमयी शिवलिंग, दिन में तीन बार बदलता है रंग, वैज्ञानिक भी नहीं जान पाए हैं रहस्य

कुंभ राशि में अस्त हो रहे हैं शनि, इन 5 राशि वाले जातकों की बढ़ेंगी मुश्किलें

क्या होगा अरविंद केजरीवाल का राजनैतिक भविष्य? क्या कहते हैं उनकी कुंडली के सितारे?

होली पर चंद्र ग्रहण से किन 3 राशियों पर होगा इसका नकारात्मक प्रभाव?

महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर भूलकर भी ना चढ़ाएं ये चीजें, रह जाएंगे भोलेनाथ की कृपा से वंचित

सभी देखें

धर्म संसार

18 फरवरी 2025 : आपका जन्मदिन

18 फरवरी 2025, मंगलवार के शुभ मुहूर्त

महाशिवरात्रि पर रात्रि के 4 प्रहर की पूजा का सही समय और पूजन विधि

महाशिवरात्रि पर जानिए शिवजी के 12 ज्योतिर्लिंग के 12 रहस्य

Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि और शिवरात्रि में क्या है अंतर?

अगला लेख