Mahalaxmi Vrat 2024 : 16 दिवसीय महालक्ष्मी व्रत शुरू, जानें महत्व, पूजा विधि और मंत्र

WD Feature Desk
मंगलवार, 10 सितम्बर 2024 (15:19 IST)
maha lakshami festival 
 
HIghlights : 
 
* महालक्ष्मी पर्व कब से कब तक मनाया जाएगा।
* 16 दिवसीय महालक्ष्मी व्रत का समापन कब होगा।
* वर्ष 2024 में महालक्ष्मी व्रत की पूजा विधि जानें। 

ALSO READ: Mahalakshmi vrat 2024: महाराष्ट्रीयन महालक्ष्मी व्रत के 3 दिन क्या करते हैं?
 
Mahalaxmi Vrat : महाराष्ट्रीयन परिवारों में भाद्रपद शुक्ल अष्टमी से 'महालक्ष्मी उत्सव' का आरंभ हो जाएगा। श्री महालक्ष्मी का यह व्रत भाद्रपद शुक्ल अष्टमी के दिन से किया जाता है, अत: यह 10 सितंबर 2024, मंगलवार से शुरू होकर 12 सितंबर तक चलेगा, क्योंकि कई जगहों पर महालक्ष्मी का यह पर्व 3 दिन तक मनाया जाता है। 
 
साथ ही कई स्थानों पर कुछ परिवारों में महालक्ष्मी उत्सव व्रत निरंतर 16 दिनों तक चलता है। इस बार यह 10 सितंबर से शुरू होकर 24 सितंबर, मंगलवार तक मनाया जाएगा। इस व्रत का खास उद्देश्य मां महालक्ष्मी अपने पूरे परिवारसहित घर आकर हमें सुख-संपन्नता का आशीर्वाद दें, इसी कामना के साथ यह उत्सव मनाया जाता है।

इस व्रत में धन की देवी मां लक्ष्मी का पूजन किया जाता है। मां महालक्ष्मी के आगमन पर 'महालक्ष्मी आली घरात सोन्याच्या पायानी, भरभराटी घेऊन आली' इन पंक्तियों से माता का स्वागत किया जाता है। मान्यतानुसार इस व्रत में अन्न ग्रहण नहीं किया जाता है, केवल दूध, फल, मिठाई आदि का सेवन किया जा सकता है।
 
आइए जानें 16 दिवसीय महालक्ष्मी व्रत पर कैसे करें पूजन :
 
- महालक्ष्मी व्रत के दिन प्रात:काल में स्नानादि कार्यों से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लें। 
 
- व्रत संकल्प के समय निम्न मंत्र का उच्चारण करें। 
 
करिष्यsहं महालक्ष्मि व्रतमें त्वत्परायणा।
तदविघ्नेन में यातु समप्तिं स्वत्प्रसादत:।।
- अर्थात् हे देवी, मैं आपकी सेवा में तत्पर होकर आपके इस महाव्रत का पालन करूंगा/करूंगी। मेरा यह व्रत निर्विघ्न पूर्ण हो। 
 
- मां लक्ष्मी जी से यह कहकर अपने हाथ की कलाई में डोरा बांध लें जिसमें 16 गांठें लगी हों। 
 
- यह व्रत भाद्रपद शुक्ल अष्टमी से प्रतिदिन आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तक किया जाता है। 
 
- तत्पश्चात 16वें दिन व्रत पूरा हो जाने पर वस्त्र से एक मंडप बनाकर उसमें लक्ष्मी जी की प्रतिमा रखें।
 
- माता की पूजन सामग्री में चंदन, ताड़ के वृक्ष का पत्ता/ ताड़ पत्र, पुष्प माला, अक्षत, दूर्वा, लाल सूत, सुपारी, नारियल तथा नाना प्रकार की सामग्री रखी जाती है। 
 
- पूजन के दौरान नए सूत 16-16 की संख्या में 16 बार रखें। इसके बाद निम्न मंत्र का उच्चारण करें।
 
क्षीरोदार्णवसम्भूता लक्ष्मीश्चन्द्र सहोदरा।
व्रतोनानेत सन्तुष्टा भवताद्विष्णुबल्लभा।।
- अर्थात् क्षीरसागर से प्रकट हुईं लक्ष्मी, चन्द्रमा की सहोदर, विष्णुवल्लभा मेरे द्वारा किए गए इस व्रत से संतुष्ट हों। 
 
- श्री लक्ष्मी को पंचामृत से स्नान कराएं फिर 16 प्रकार से पूजन करके व्रतधारी व्यक्ति 4 ब्राह्मण और 16 ब्राह्मणियों को भोजन कराकर दान-दक्षिणा दें। 
 
- इस प्रकार यह व्रत पूरा होता है।
 
- 16वें दिन महालक्ष्मी व्रत का उद्यापन किया जाता है। 
 
अगर कोई व्रतधारी किसी कारणवश इस व्रत को 16 दिनों तक न कर पाए तो केवल 3 दिन तक भी इस व्रत को कर सकता है जिसमें पहले, 8वें और 16वें दिन यह व्रत किया जाता है।

ALSO READ: Maha lakshmi 2024: महालक्ष्मी व्रत कब से होंगे प्रारंभ, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

दुनिया में कितने मुस्लिम इस्लाम धर्म छोड़ रहे हैं?

ज्येष्ठ माह के 4 खास उपाय और उनके फायदे

नास्त्रेदमस ने हिंदू धर्म के बारे में क्या भविष्यवाणी की थी?

भारत ने 7 जून तक नहीं किया पाकिस्तान का पूरा इलाज तो बढ़ सकती है मुश्‍किलें

क्या जून में भारत पर हमला करेगा पाकिस्तान, क्या कहते हैं ग्रह नक्षत्र

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: 02 जून का राशिफल, आज इन 4 राशियों को मिलेगी हर कार्य में सफलता

02 जून 2025 : आपका जन्मदिन

02 जून 2025, सोमवार के शुभ मुहूर्त

Aaj Ka Rashifal: 01 जून 2025, माह का पहला दिन क्या लाया है 12 राशियों के लिए, पढ़ें अपना राशिफल

01 जून 2025 : आपका जन्मदिन

अगला लेख