मार्गशीर्ष अमावस्या पर पितरों को करें तर्पण, करें स्नान और दान मिलेगी पापों से मुक्ति

WD Feature Desk
बुधवार, 27 नवंबर 2024 (17:13 IST)
Margashirsha Amavasya 2024: मार्गशीर्ष माह की अमावस्या को अगहन अमावस्या भी कहते हैं। इस दिन पितरों की शांति के लिए तर्पण, स्नान, दान-धर्म आदि कार्य किए जाने का महत्व है। मार्गशीर्ष अमावस्या पर देवी लक्ष्मी का पूजन करना भी बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन सत्यनारायण भगवान की पूजा करने से सभी तरह के संकट मिट जाते हैं।
 
मार्गशीर्ष अमावस्या का महत्व:- 
1. इस दिन पितरों की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान, स्नान एवं दान करने का महत्व है।
2. इस दिन किए जाने वाले पितरों का तर्पण करने से पितरों को शांति मिलती हैं। 
3. इस दिन व्रत रखने से सभी तरह के संकटों का अंत होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। 
4. यदि आप व्रत नहीं रख रहे हैं तो पेड़ या पौधे में जल अर्पित करें।
5. इस दिन भगवान सत्यनारायण की कथा का पाठ और पूजा करने से पितरों को शांति मिलती है।
6. इस दिन सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करें और सूर्य देव को अर्घ्य दें। नदी नहीं है तो पानी में गंगाजल मिलकर स्नान करें। 
7. स्नान के बाद नदी है तो बहते हुए जल में तिल प्रवाहित करें। नदी नहीं है तो तरभाणे में जल भरकर ये कार्य करें।
8. नदी को तो विधिवत पर्तण करें।
9. इसके बाद गायत्री मंत्र 12 बार उच्चारण करें।
10. इसके बाद भगवान विष्णु और भगवान शिव का पूजन करें।
11. पूजा-पाठ के बाद भोजन और वस्त्र आदि का यथाशक्ति किसी गरीब ब्राह्मण को दान करें।
पितरों को जल देने की विधि: 
 

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