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ओणम थिरुवोण पर्व कब है, क्या होता है इस दिन?

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Onam Malayali Festival : भार‍त विविध धर्मों, जातियों तथा संस्कृतियों का देश है। जहां हर त्योहार को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। दक्षिण भारत में खास तौर पर केरल में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाने वाला पर्व 'ओणम' बस आने ही वाला है। मान्यतानुसार ओणम यानी थिरुओणम/थिरुवोण के दिन ही राजा महाबली अपनी प्रजा से मिलने के लिए आते हैं, अत: उनके आने की खुशी में ही ओणम थिरुवोण पर्व मनाया जाता है। 
 
इस वर्ष ओणम की शुरुआत रविवार, 20 अगस्त 2023 से हो रही है। सर्वधर्म समभाव के प्रतीक केरल प्रांत का यह मलयाली पर्व 'ओणम' राजा बलि की आराधना का दिन होता है। यह त्योहार समाज में सामाजिक समरसता की भावना, प्रेम और भाईचारे का संदेश देश-विदेश में पहुंचा कर देश की एकता और अखंडता को मजबूत करने की प्रेरणा देता है।

वैसे तो केरल में ही इसकी अधिक धूम होती है, लेकिन दुनिया भर में बसे मलयाली समुदाय के लोग अपने-अपने तरीके से इस पर्व को मनाकर अपनी खुशी को दर्शाते हैं।  ओणम के संबंध में प्राचीन समय से यह मान्यता चली आ रही है कि राजा बलि ओणम के दिन अपनी प्रजा से मिलने आते हैं।

यह सौभाग्य उन्हें भगवान श्रीहरि विष्णु से मिला था। अत: मलयाली समाज के लोग श्री विष्णु की आराधना-पूजा करने के साथ ही राजा बलि का स्वागत भी करते हैं। इस दिन ओणम पर्व का सबसे खास आकर्षण साद्य होता है, जिसे ओणम के दौरान खाए जाने वाले भोजन में खास होता है। 
 
जानिए क्या होता है इस दिन : 
 
1. इस पर्व में लोग घर के आंगन में महाबलि की मिट्टी की बनी त्रिकोणात्मक मूर्ति पर अलग-अलग फूलों से चित्र बनाते हैं, जितनी भी कलाकृतियां इन दिनों बनाई जाती हैं उसे महाबलि के चले के बाद ही हटाई जाती हैं।
 
2. ओणम पर्व पर राजा बलि के स्वागत के लिए घरों में आकर्षक साज-सज्जा, फूलों की रंगोली और कई तरह के पकवान बनाकर भोग अर्पित किया जाता है।
 
3. ओणम के दिन नारियल के दूध व गुड़ से पायसम, केले का हलवा, नारियल चटनी, चावल के आटे को भाप में पका कर और कई तरह की सब्जियां मिलाकर अवियल, आदि बनाकर 64 प्रकार के पकवान बनाने की परंपरा है।
 
4. हर घर के सामने रंगोली सजाने और दीपक जलाने की भी परंपरा हैं।
 
5. महिलाएं इन दिन आंगन में फूलों की रंगोली बनाती है, जिसे ओणमपुक्कलम कहते हैं।
 
6. हर घर में विशेष पकवान बनाए जाते हैं। खास तौर पर चावल, गुड़ और नारियल के दूध को मिलाकर खीर बनाई जाती है।
 
7. नई फसल के आने की खुशी में ओणम पर्व मनाया जाता है।
 
8. इसके साथ ही कई तरह की सब्जियां, सांभर आदि भी बनाया जाता है।
 
9. केरल के पारंपरिक भोज को ओनसद्या कहा जाता है, जिसे केले के पत्ते पर परोसना शुभ माना गया है।
 
10. इन दिनों फूलों की रंगोली को दीये की रोशनी के साथ सजाया जाता है और खीर (आऊप्रथमन) पकाई जाती है।
 
11. केरल में 10 दिन तक चलने वाला ओणम उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।
 
12. इस पर्व पर मलयाली समुदाय के लोग एक-दूसरे को गले मिलकर शुभकामनाएं देते हैं। साथ ही परिवार के लोग और रिश्तेदार इस परंपरा को साथ मिलकर मनाते हैं।
 
13. मलयाली समाज द्वारा केरल में मनाया जाने वाला ओणम का दस दिनों का त्योहार है, जो हस्त नक्षत्र से शुरू होकर श्रवण नक्षत्र तक जारी रहता है।
 
14. कहा जा सकता हैं कि साद्य के बिना ओणम अधूरा है। साद्य में विशेष और लजीज पकवानों से राजा बलि को प्रसन्न किया जाता है। 
 
15. इस बार ओणम थिरुवोण पर्व की समाप्ति दिन गुरुवार, 31 अगस्त 2023 को होगी।
 
- आरके.
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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