Jyeshtha pradosh: ज्येष्ठ प्रदोष व्रत रखने का क्या है तरीका, जानें फायदे

WD Feature Desk
मंगलवार, 18 जून 2024 (17:40 IST)
HIGHLIGHTS
 
प्रदोष व्रत हर माह में दो बार रखा जाता है।  
शिव-पार्वती के पूजन का पर्व है प्रदोष व्रत।  
हर मनोकामना पूर्ण करता हैं यह व्रत।

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Pradosh Vrat 2024: वर्ष 2024 में ज्‍येष्‍ठ माह का दूसरा प्रदोष व्रत 19 जून, दिन बुधवार को रखा जा रहा है। मान्यतानुसार यह व्रत रखने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। यह दिन भगवान शिव और मां पार्वती के पूजन के लिए बहुत ही खास माना गया है। 
 
यह व्रत भगवान शिव को समर्पित होने के कारण प्रत्येक माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार बुधवार को आने वाले प्रदोष को सौम्यवारा प्रदोष भी कहा जाता है। यह शिक्षा एवं ज्ञान प्राप्ति के लिए किया जाता है। 
 
पूजा विधि : 
- प्रदोष व्रत वाले दिन व्रतधारी सूर्योदय से पहले जागें। 
- दैनिक कर्म से निपटने के बाद सफेद रंग के वस्त्र पहनें। 
- घर के पूजा स्थान को साफ करें।  
- गंगा जल छिड़क कर शुद्ध करें। 
- फिर उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठे। 
- भगवन शिव जी की पूजा करें। 
- इस दिन किसी भी प्रकार का अन्न ग्रहण ना करें।
 
प्रदोष व्रत के फायदे : 
 
- प्रदोष के दिन पूरे मन से व्रत रखने से जीवन की सभी समस्याओं का निराकरण हो जाता है।
 
- प्रदोष व्रत पर आटे के हलवे का भोग लगाने से भगवान शिव अपने भक्त की सभी मनोकामना पूर्ण करते हैं।
 
- शत्रुओं पर विजय के लिए  इस दिन शिव रुद्राष्टक स्तोत्र का पाठ करना चाहिए है।
 
- भोलेनाथ को सूखे मेवे का भोग लगाने से जीवन में चल रही आर्थिक समस्याए दूर होती है।
 
- सभी कष्‍टों से मुक्ति लिए प्रदोष के दिन शिव जी को दही तथा घी का भोग लगाया जाता है। 
 
साथ ही यह प्रदोष व्रत जिस भी तरह की मनोकामना लेकर किया जाए उसे भी पूर्ण करता है।

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