रंभा तीज 29 मई को, क्यों मनाई जाती है, जानें महत्व, मुहूर्त, पूजन सामग्री और विधि

WD Feature Desk
बुधवार, 28 मई 2025 (09:52 IST)
Rambha Teej 2025: रंभा तीज का व्रत हिंदू धर्म में सुहागिन महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह व्रत ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन मुख्य रूप से देवी रंभा यानी अप्सरा रंभा और भगवान शिव व माता पार्वती तथा धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। अविवाहित कन्याएं जहां मनचाहा वर पाने के लिए यह व्रत रखती हैं, वहीं सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, सौभाग्य और वैवाहिक सुख की कामना के लिए इसे करती हैं। आइए जानते हैं इस व्रत के बारे में खास जानकारी...ALSO READ: देवशयनी एकादशी 2025 में कब आएगी, सुख समृद्धि के लिए कौन से 5 उपाय करें?
 
रंभा तीज क्यों मनाई जाती है? (महत्व)
रंभा तीज का नाम स्वर्ग की सबसे सुंदर अप्सरा रंभा के नाम पर पड़ा है, जो समुद्र मंथन से उत्पन्न हुई थीं। मान्यता है कि अप्सरा रंभा ने स्वयं इस व्रत को किया था ताकि उन्हें सौंदर्य, सौभाग्य और चिरयौवन की प्राप्ति हो सके। इस व्रत का मुख्य उद्देश्य वैवाहिक जीवन में खुशहाली लाना और पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत करना है।
 
2025 में रंभा तीज:
वर्ष 2025 में रंभा तीज का व्रत गुरुवार, 29 मई 2025 को रखा जाएगा।
• तृतीया तिथि प्रारंभ: 28 मई 2025 को रात 01:54 मिनट से।
• तृतीया तिथि समाप्त: 29 मई 2025 को रात 11:18 मिनट तक।
• उदया तिथि के अनुसार, व्रत 29 मई को रखा जाएगा।
 
पूजा विधि:
रंभा तीज की पूजा विधि में पवित्रता और श्रद्धा का विशेष महत्व है:
1. प्रातःकाल स्नान और संकल्प: रंभा तीज के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें। स्वच्छ वस्त्र धारण करें, प्राथमिकता लाल, गुलाबी या हरे रंग के कपड़ों को दें। इसके बाद व्रत का संकल्प लें कि आप अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए यह व्रत रख रही हैं।
 
2. पूजा स्थान की तैयारी: पूजा स्थल को साफ करें। एक चौकी पर लाल या पीला वस्त्र बिछाएं।
 
3. मूर्ति स्थापना: देवी रंभा या माता गौरी (देवी पार्वती) और भगवान शिव की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले की जाती है, इसलिए उनकी मूर्ति भी रखें।
 
4. सोलह श्रृंगार: सुहागिन महिलाएं इस दिन सोलह श्रृंगार करती हैं। पूजा में देवी रंभा को भी सोलह श्रृंगार का सामान (जैसे चूड़ियां, सिंदूर, बिंदी, मेहंदी, काजल, आलता, इत्र आदि) अर्पित करें।
 
5. पूजन सामग्री: 
- जल से भरा कलश
- रोली, कुमकुम, सिंदूर, अक्षत
- ताजे लाल फूल
- पान के पत्ते, सुपारी, लौंग, इलायची
- मौसमी फल, आम
- मिठाई या खीर का भोग
- धूप, दीपक हेतु गाय का शुद्ध घी
- शिव-पार्वती के लिए आम के पत्ते और बिल्व पत्र
 
6. पूजन विधि: 
- सबसे पहले भगवान गणेश का ध्यान करें और उनकी पूजा करें।
- इसके बाद देवी रंभा और भगवान शिव-माता पार्वती का आह्वान करें। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
- उन्हें जल अर्पित करें, तिलक लगाएं, फूल चढ़ाएं और धूप-दीप जलाएं।
- सोलह श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें।
- भोग लगाएं।
- देवी रंभा तथा लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें। कुछ लोग 'रं रं रंभा रं रं देवी' तथा 'ॐ महालक्ष्म्यै नम:' मंत्र का 108 बार जाप करते हैं।
- स्वयं भी इत्र या परफ्यूम लगाएं।
 
7. व्रत कथा श्रवण: पूजा के अंत में रंभा तीज की व्रत कथा सुनें या पढ़ें।
 
8. आरती: भगवान शिव, माता पार्वती और देवी रंभा की आरती करें।
 
9. पारण: दिनभर निर्जला या फलाहारी व्रत रखें। रात्रि में पूजा संपन्न होने के बाद व्रत खोलें और सात्विक भोजन ग्रहण करें।

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।ALSO READ: बांग्लादेश का भविष्य कैसा रहेगा, क्या कहते हैं ग्रह नक्षत्र

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

07 सितंबर 2025 को होगा खग्रास चंद्रग्रहण, देश-दुनिया पर होगा प्रभावी

Ganesh Visarjan 2025 : गणेश उत्सव के अंतिम दिन कर लें ये काम, पूरे साल कोई विघ्न नहीं करेगा परेशान

Ganesh Visarjan 2025: गणेश विसर्जन के बाद पूजन सामग्री का क्या करें? जानिए सही तरीका

Lunar eclipse 2025: चंद्र ग्रहण: वैज्ञानिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण और उपाय

Lunar Eclipse 2025: क्या इस बार का चंद्रग्रहण भी लेकर आने वाला है डर और तबाही की नई लहर?

सभी देखें

धर्म संसार

Onam wishes 2025: खुशियों और समृद्धि का त्योहार ओणम, अपनों को भेजें ये 10 सबसे खास और सुंदर शुभकामनाएं

Eid e Milad un Nabi 2025: ईद मिलादुन्नबी क्यों और कैसे मनाई जाती है, जानें इतिहास और महत्व

Aaj Ka Rashifal: आज का दैनिक राशिफल: मेष से मीन तक 12 राशियों का राशिफल (5 सितंबर, 2025)

05 September Birthday: आपको 5 सितंबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 5 सितंबर, 2025: शुक्रवार का पंचांग और शुभ समय

अगला लेख