देवी शीतला को समर्पित वैज्ञानिक पर्व, शीतला सप्तमी-अष्टमी

Webdunia
शीतला सप्तमी-अष्टमी का महत्व :-
 
शीतलाष्टमी और मां शीतला की महत्ता का उल्लेख हिन्दू ग्रंथ 'स्कन्द पुराण' में बताया गया है। यह दिन देवी शीतला को समर्पित है। हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार, शीतला माता चेचक, खसरा आदि की देवी के रूप में पूजी जाती है। इन्हें शक्ति के दो स्वरुप, देवी दुर्गा और देवी पार्वती के अवतार के रूप में जाना जाता है। इस दिन लोग मां शीतला का पूजन का करते है, ताकि उनके बच्चे और परिवार वाले इस तरह की बीमारियों से बचे रह सके।
 
शीतला माता के नाम से ही स्पष्ट होता है की यह किसी भी समस्या से राहत देने में मदद करती है। माना जाता है यदि किसी बच्चे को इस तरह की बीमारी हो जाए तो उन्हें मां शीतला का पूजन करना चाहिए इससे बीमारी में राहत मिलती है और समस्या जल्दी ठीक होती है।
 
 शीतला अष्टमी के दिन मां शीतला का विधिवत पूजन करने से घर में कोई बीमारी नहीं रहती और परिवार निरोग रहता है। तो इस वर्ष आप भी मां  शीतला का व्रत करें और अपने परिवार के लिए निरोगी रहने का आशीर्वाद प्राप्त करें।
 
वास्तव में यह एक वैज्ञानिक पर्व है। इस दिन से गर्मी की विधिवत शुरुआत होती है। यह त्योहार सांकेतिक रूप से यह बताता है कि इस दिन के बाद से बासी आहार ग्रहण नहीं करना चाहिए। गर्म पानी से नहीं नहाना चाहिए। शीतल भोजन ग्रहण करना चाहिए। सेहत के लिहाज से यह दिन कई प्रकार के संदेश देता है।  

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

दुनिया में कितने मुस्लिम इस्लाम धर्म छोड़ रहे हैं?

ज्येष्ठ माह के 4 खास उपाय और उनके फायदे

नास्त्रेदमस ने हिंदू धर्म के बारे में क्या भविष्यवाणी की थी?

भारत ने 7 जून तक नहीं किया पाकिस्तान का पूरा इलाज तो बढ़ सकती है मुश्‍किलें

क्या जून में भारत पर हमला करेगा पाकिस्तान, क्या कहते हैं ग्रह नक्षत्र

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: आज किसे मिलेगी अपने कार्य में सफलता, जानें 05 जून का दैनिक राशिफल

05 जून 2025 : आपका जन्मदिन

05 जून 2025, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

गंगा दशहरा पर मां गंगा की पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि

Nirjala Ekadashi 2025 : निर्जला एकादशी पर बन रहा है सबसे बड़ा राजयोग, इस नियम का करें पालन

अगला लेख