बैकुंठ चतुर्दशी कब है 2021 : जानिए इस दिन के महत्व की 5 खास बातें

Webdunia
मंगलवार, 16 नवंबर 2021 (15:38 IST)
कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को बैकुण्ठ चतुर्दशी कहते हैं। वैसे तो चतुर्दशी तिथि के दिन भगवान शिव की पूजा होती है परंतु वैकुंठ चतुर्दशी के दिन शिव और विष्णु दोनों की एक साथ पूजा करने का प्रलन है। इस बार बैकुंठ चतुर्दशी 17 नवंबर 2021 बुधवार के दिन है, परंतु पंचांग भेद से 18 नवंबर को भी मनाई जाएगी।
 
 
1. इस दिन भगवान शिव और विष्णु की पूजा करने से दोनों देव प्रसन्न होते हैं।
 
2. इस दिन पूजा, पाठ जप, एवं व्रत करने से श्रद्धालु को बैकुंठ की प्राप्ति होती है। वैकुंठ चतुर्दशी की कथा पढ़ने से 14000 पाप कर्मों का दोष मिट जाता है। 
 
3. एक कथा के अनुसार इस दिन भगवान शिव ने श्रीहरि विष्णु के जागने के बाद उन्हें सृष्‍टि का संचालन पुन: सौंप दिया था। कहते हैं कि देवशयनी एकादशी से देवउठनी एकादशी तक भगवान विष्‍णु पाताललोक राजा बली के यहां योग निद्रा में विश्राम करने जाते हैं। श्रीहरि के शयनकाल के दौरान संपूर्ण सृष्टि की सत्‍ता का संचालन शिवजी के पास होता है। फिर जब वे नींद्र से जागते हैं तो श्रीहरि को शिवजी पुन: सृष्टि का संचालन सौंप देते हैं।
ALSO READ: Vaikunth Chaturdashi 2021: वैकुंठ चतुर्दशी पर आप भी पढ़ें ये 3 खास पौराणिक कथाएं
4. एक अन्य कथा के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु शिवजी तपस्या करने के बाद उन्हें 1000 कमल अर्पित कर रहे थे। शिवजी ने एक कमल गायब कर दिया तो विष्णुजी ने अपनी आंखें ही निकाल का अर्पित कर दी तब भगवान शिव ने कहा कि आज की यह कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी अब 'बैकुंठ चतुर्दशी' कहलाएगी और इस दिन व्रतपूर्वक जो पहले आपका पूजन करेगा, उसे बैकुंठ लोक की प्राप्ति होगी।
ALSO READ: वैकुण्‍ठ चतुर्दशी की मध्‍य रात्रि को होगा हरि से हर का मिलन
5. एक बार नारदी कहते हैं कि आपके भक्तों के लिए वैकुंठ प्राप्ति का सरल उपाय क्या है तो श्रीहिर विष्णु कहते हैं कि हे नारद! मेरी बात सुनो, कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को जो नर-नारी व्रत का पालन करेंगे और श्रद्धा-भक्ति से मेरी पूजा-अर्चना करेंगे, उनके लिए स्वर्ग के द्वार साक्षात खुले होंगे।... धनेश्वर नामक पापी ब्राह्मण को इसीलिए वैकुंठ प्राप्त हुआ क्योंकि उससे वैकुंड चतुर्दशी के दिन तीर्थ स्नान किया था।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

हिंदू नववर्ष गुड़ी पड़वा पर बन रहे हैं कई शुभ योग, जानिए कौन होगा वर्ष का राजा

हिंदू नववर्ष पर घर के सामने क्यों बांधी जाती है गुड़ी?

ईद मुबारक 2025: अपने करीबियों को भेजें ये 20 दिल को छू लेने वाली शुभकामनाएं

चैत्र नवरात्रि 2025: नवरात्रि के पहले दिन भूलकर भी न करें ये 10 काम, बढ़ सकती हैं परेशानियां

चैत्र नवरात्रि पर घट स्थापना और कलश स्थापना क्यों करते हैं?

सभी देखें

धर्म संसार

चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से, कैसे करें देवी आराधना, जानें घट स्थापना के मुहूर्त

गुड़ी पड़वा से शुरू हो रही है 8 दिन की चैत्र नवरात्रि, हाथी पर सवार होकर आएंगी माता रानी, जानिए फल

Uttarakhand : चारधाम तीर्थयात्रियों के लिए स्वास्थ्य परामर्श जारी, श्रद्धालुओं से आवश्यक दवाइयां रखने को कहा

नवरात्रि 2025 : देवी शैलपुत्री की पूजा विधि, मंत्र और आरती

रमजान के पवित्र महीने में क्यों रखे जाते हैं रोजे, जानिए क्यों मनाई जाती है मीठी ईद

अगला लेख