कैसे करें शरद पूर्णिमा व्रत...

शरद पूर्णिमा व्रत विधि

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शरद पूर्णिमा व्रत विधि

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शरद पूर्णिमा के शुभ अवसर पर सुबह उठकर व्रत करके अपने इष्ट देव का पूजन करना चाहिए। इन्द्र और महालक्ष्मी जी का पूजन करके घी के दीपक जलाकर, गंध पुष्प आदि से पूजन करना चाहिए। ब्राह्मणों को खीर का भोजन कराना चाहिए और उन्हें दान दक्षिणा प्रदान करनी चाहिए।

लक्ष्मी प्राप्ति के लिए इस व्रत को विशेष रूप से किया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन जागरण करने वाले की धन-संपत्ति में वृद्धि होती है।

* इस व्रत को मुख्य रूप से स्त्रियों द्वारा किया जाता है।

* उपवास करने वाली स्त्रियां इस दिन लकड़ी की चौकी पर सातिया बनाकर पानी का लोटा भरकर रखती हैं।

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* एक गिलास में गेहूं भरकर उसके ऊपर रुपया रखा जाता है और गेहूं के 13 दाने हाथ में लेकर कहानी सुनी जाती है।

* गिलास और रुपया कथा कहने वाली स्त्रियों को पैर छूकर दिए जाते हैं।



* रात को चन्द्रमा को अर्घ्य दिया जाता है और फिर इसके बाद भोजन किया जाता है।

* इस दिन मंदिर में खीर आदि दान करने का भी विधि-विधान है।

* इस दिन विशेष रूप से तरबूज के दो टुकड़े करके रखे जाते हैं। साथ ही कोई भी एक ऋतु का फल और खीर चन्द्रमा की चांदनी में रखा जाता है।

ऐसा कहा जाता है कि इस दिन चांद की चांदनी से अमृत बरसता है ।

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