पुरुष भी पूजते हैं बासौड़ा : कहा जाता है कि भारत विभिन्न समाजों व संप्रदायों से मिलकर बना एक लोक बहुलतावादी देश है। जहां पर हर त्योहार व पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।
इसी सनातन परंपरा को कायम रखते हुए शहरों-गांवों में कई समाजजन बसौड़ा पर्व पूर्ण श्रद्धा-भक्ति के साथ मनाते हैं। जहां केवल महिलाएं ही नहीं, अपितु पुरुष भी इस पूजन में बराबरी से भाग ले रहे हैं।
बसौड़ा : शीतलता का पर्व जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफल होने के लिए इंसान में धैर्य के साथ सरलता का गुण होना आवश्यक है। हमारी भारतीय सनातन परंपरा के अनुसार इन गुणों की देवी मां शीतला को माना गया है। उनकी सेवा से धैर्य, साहस, शीतलता और कर्मनिष्ठ जैसे गुण आसानी से प्राप्त हो जाते हैं।
रंगपंचमी से इनकी पूजा का पर्व 'बसौड़ा' शुरू हो गया है, जो आगामी अष्टमी तक जारी रहेगा। कहते हैं कि नवरात्रि के शुरू होने से पहले यह व्रत करने से मां के वरदहस्त अपने भक्तों पर रहते हैं।