सायरस मिस्त्री प्रोफाइल : परिवार से लेकर कॅरियर तक

Webdunia
उद्योगपति सायरस मिस्‍त्री की रविवार को सड़क हादसे में मौत हो गई। मुंबई से सटे पालघर में यह हादसा हुआ। उनका वाहन तेज गति से जा रहा था, इसी दौरान डिवाइडर से उनकी कार टकरा गई, जिसकी वजह से हादसा होने की बात कही जा रही है। उनकी कार अहमदाबाद से मुंबई की ओर जा रही थी। बताया जा रहा है कि कोई महिला वाहन चला रही थी, और कार में चार लोग सवार थे।

सायरस पलोंजी मिस्त्री एक भारतीय बिजनेसमेन थे, जो 2012 से 2016 के बीच टाटा ग्रुप के चैयरमैन पद पर रहे। वह टाटा ग्रुप के छठे चैयरमैन थे और ऐसे दूसरे चैयरमैन थे जिसका सरनेम टाटा नहीं था। 2012 के मध्य में, मिस्त्री को एक सेलेक्शन पैनल द्वारा टाटा ग्रुप के प्रमुख के रूप में चुना गया। इसी साल दिसंबर में, मिस्त्री ने इस पद को संभाल लिया। 


 
 
24 अक्टूबर 2016 को बोर्ड ऑफ टाटा संस ने मिस्त्री को पोस्ट से हटाने के लिए वोट दिए। पूर्व चैयरमैन रतनटाटा को एक बार फिर से टाटा ग्रुप का चैयरमैन नियुक्त किया गया। एक सेलेक्शन पैनल अगले उत्तराधिकारी के चुनाव के लिए नियत कर दिया गया है। 
 
परिवार और बचपन : 4 जुलाई 1968 को जन्मे सायरस मिस्त्री मुंबई के एक पारसी परिवार के हैं। सायरस मिस्त्री भारतीय अरबपति और कंस्ट्रक्शन बिजनेसमैन पलोंजी मिस्त्री और उनकी पत्नी पाट्सी पेरिन डुबाश के छोटे बेटे हैं। उनका परिवार ज़ोरोस्ट्रीयन विश्वास को मानते हैं। सायरस मिस्त्री की माता का जन्म आयरलैंड में हुआ था और उनके पिता ने भी आयरिश नागरिकता ले ली थी। सायरस मिस्त्री के बड़े भाई, शापूर मिस्त्री, भी आयरिश नागरिक हैं। सायरस मिस्त्री की दो बहनें, लैला और अलू हैं। अलू की शादी रतन टाटा हॉफ ब्रदर नोएल टाटा के साथ हुई है। सायरस मिस्त्री की पत्नी रोहिला चागला हैं और इन दोनों के दो बेटे, फिरोज़ मिस्त्री और जहान मिस्त्री हैं।

सायरस मिस्त्री आयरिश नागरिक हैं और भारत में पर्मानेंट रहते हैं। एक आयरिश न्यूज़पेपर 'दि इंडपेंडेंट' में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, मिस्त्री स्वयं को ग्लोबल सिटीज़न मानते हैं। पलोंजी परिवार बिजनेस में करीब 100 सालों से एक्टिव रहा है। 1930 में, सायरस मिस्त्री के दादाजी शापूरजी मिस्त्री ने टाटा संस में पहला शेयर खरीदा था। यह शेयर जो अब टाटा संस का 18.5 प्रतिशत हिस्सा है, सायरस मिस्त्री के पिता के पास है। सायरस मिस्त्री बहुत ही अधिक प्रभावी परिवार में जन्मे हैं। उनकी शिक्षा मुंबई के कैथेड्रल एंड जॉन कोनन स्कूल में हुई। इसके बाद वे आगे की पढाई के लिए लंडन के इम्पिरियल कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग में बी एससी की डिग्री लेने चले गए। इसके बाद लंदन बिजनेस स्कूल से सायरस मिस्त्री ने मैनेजमेंट में एम. एससी. डिग्री हासिल की।

करियर : सायरस मिस्त्री शापूरजी पलोंजी एंड कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर रहे हैं। यह शापूरजी पलोंजी ग्रुप का हिस्सा है। 1 सितंबर 2006 को वह टाट संस के बोर्ड में शामिल हुए। 24 सितंबर 1990 से 26 अक्टूबर 2009 तक वह टाटा एलेक्सी लिमिटेड के डायरेक्टर रहे। 18 सितंबर 2006 तक टाटा पॉवर को. लि. के डायरेक्टर रहे। 2012 में मिस्त्री को टाटा संस का चैयरमैन बनाया गया। साथ ही टाटा इंडस्ट्रीज़, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा कंसलटेंसी सर्विसेस, टाटा पावर, टाटा टेलेसर्विसेस, इंडियन होटल्स, टाटा ग्लोबर बेवरेजेस और टाटा केमिकल्स की भी बागडोर, मिस्त्री ने संभाली। टाटा संस बोर्ड ने मिस्त्री को चैयरमैनशिप से हटाने के लिए 24 अक्टूबर को वोट डाले। 'द इकोनोमिस्ट' ने सायरस मिस्त्री को भारत, ब्रिटेन और आयरलैंड का सबसे महत्वपूर्ण इंडस्ट्रीयलिस्ट बताया।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

कौन हैं महरंग बलोच, जिनसे पाकिस्तानी फौज भी खाती है खौफ?

kunal kamra controversies : कुणाल कामरा कैसे बने चर्चित कॉमेडियन, विवादों से रहा है पुराना नाता

सुनिता विलियम्स की वापसी अटकी थी राजनीति के कारण

सांसदों का वेतन बढ़ा, 34 हवाई यात्राएं, 50 हजार यूनिट, जानिए आपके माननीयों और क्या-क्या मिलता है फ्री

क्या प्रेंग्नेंट है मुस्कान, टेस्ट से सामने आएगा सच, साहिल ने मांगा सरकारी वकील, जानिए कैसी बीत रही हैं दोनों की रातें

सभी देखें

नवीनतम

एकनाथ शिंदे से माफी नहीं मांगेंगे कुणाल कामरा, क्यों लिया अजित पवार का नाम?

सरकारी फसल बीमा में जरूरतमंद किसानों को होता है नुकसान

LIVE: CM रेखा गुप्ता आज पेश करेंगी दिल्ली का बजट, जस्टिस वर्मा मामले पर सर्वदलीय बैठक

kunal kamra controversies : कुणाल कामरा कैसे बने चर्चित कॉमेडियन, विवादों से रहा है पुराना नाता

कॉमेडियन Kunal Kamra के कमेंट पर मचा बवाल, क्या बोला हैबिटेट स्टूडियो

अगला लेख