पारसी समाज का नववर्ष

आज भी सहेजा है अपने धर्म को

Webdunia
ND

एक दौर था जब पारसी समाज का एक बड़ा समुदाय हुआ करता था, लेकिन बदलाव के इस दौर ने हमसे हमारे दूर कर दिए। कई ने करियर और बेहतर पढ़ाई के कारण बड़े शहरों की ओर रुख किया, तो कुछ ऐसे भी हैं जो आज भी समाज को जीवित रखे हुए हैं। 19 अगस्त को पारसी समाज का नववर्ष मनाया जाता है। आइए जानते हैं पारसी धर्म और उससे जुड़े कुछ अनछुए पहलू।

वक्त ने जिंदगी के कई खट्टे-मीठे अनुभव कराए, लेकिन हमारे संस्कार ही हैं, जिसके दम पर आज भी अपने धर्म और इससे जु़ड़े रीति-रिवाजों को संभाले हुए हैं।

पारसी धर्म का इतिहास और परंपरा :-
1380 ईस्वी पूर्व जब ईरान में धर्म परिवर्तन की लहर चली तो कई पारसियों ने अपना धर्म परिवर्तित कर लिया, लेकिन जिन्हें यह मंजूर नहीं था वे देश छोड़कर भारत आ गए। यहां आकर उन्होंने अपने धर्म के संस्कारों को आज तक सहेजे रखा है। सबसे खास बात ये कि समाज के लोग धर्म परिवर्तन के खिलाफ होते हैं।

श्री बजान ने बताया कि पारसी समाज की लड़की किसी दूसरे धर्म में शादी कर लें तो उसे धर्म में रखा जा सकता है, लेकिन उनके पति और बच्चों को धर्म में शामिल नहीं किया जाता। ठीक इसी तरह लड़कों के साथ भी होता है। लड़का किसी दूसरे समुदाय में शादी करता है तो उसे और उसके बच्चों को धर्म से जुड़ने की छूट है, लेकिन उनकी पत्नी को नहीं।

ND
* समाज का कोई भी व्यक्ति किसी दूसरे शहर या देश से यहां आता है तो उसके रहने और खाने की व्यवस्था पूर्ण आस्था और सेवाभाव से करते हैं।

* समाज के लोगों को एक सूत्र में पिरोए रखने के लिए कभी गलत राह नहीं पकड़ी। आज भी पारसी समाज बंधु अपने धर्म के प्रति पूर्ण आस्था रखते हैं। नववर्ष और अन्य पर्वों के अवसर पर लोग पारसी धर्मशाला में आकर पूजन करते हैं।
* पारसी समुदाय धर्म परिवर्तन पर विश्वास नहीं रखते।

* यह सही है कि शहरों और गांवों में इस समाज के कम लोग ही रह गए हैं। खासकर युवा वर्ग ने करियर और पढ़ाई के सिलसिले में शहर छोड़कर बड़े शहरों की ओर रुख कर लिया है, लेकिन हां, कुछ युवा ऐसे भी हैं, जो अपने पैरेंट्स की केयर करने आज भी शहर में रह रहे हैं।

बजान के अनुसार हमारे भगवान प्रौफेट जरस्थ्रु का जन्म दिवस 24 अगस्त को मनाया जाता है। नववर्ष पर खास कार्यक्रम नहीं हो पाते इस वजह से 24 अगस्त को पूजन और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता हैं। यह दिन भी हमारे पर्वों में सबसे खास होता है। उनके नाम के कारण ही हमें जरस्थ्रुटी कहा जाता है।

पारसियों के लिए यह दिन सबसे बड़ा होता है। इस अवसर पर समाज के सभी लोग पारसी धर्मशाला में इकट्ठा होकर पूजन करते हैं। समाज में वैसे तो कई खास मौके होते हैं, जब सब आपस में मिलकर पूजन करने के साथ खुशियां भी बांटते हैं, लेकिन मुख्यतः तीन मौके साल में सबसे खास हैं। एक खौरदाद साल, प्रौफेट जरस्थ्रु का जन्मदिवस और तीसरा 31 मार्च। ईराक से कुछ सालों पहले आए अनुयायी 31 मार्च को भी नववर्ष मनाते हैं।

नववर्ष पारसी समुदाय में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। धर्म में इसे खौरदाद साल के नाम से जाना जाता है। पारसियों में एक वर्ष 360 दिन का और शेष पांच दिन गाथा के लिए होते हैं। गाथा यानी अपने पूर्वजों को याद करने का दिन। साल खत्म होने के ठीक पांच दिन पहले से इसे मनाया जाता है।

इन दिनों में समाज का हर व्यक्ति अपने पूर्वजों की आत्मशांति के लिए पूजन करता है। इसका भी एक खास तरीका है। रात साढ़े तीन बजे से खास पूजा-अर्चना होती है। धर्म के लोग चांदी या स्टील के पात्र में फूल रखकर अपने पूर्वजों को याद करते हैं।

पारसी समाज में अग्नि का भी विशेष महत्व है और इसकी खास पूजा भी की जाती है। नागपुर, मुंबई, दिल्ली और गुजरात के कई शहरों में आज भी कई सालों से अखण्ड अग्नि प्रज्ज्वलित हो रही है। इस ज्योत में बिजली, लकड़ी, मुर्दों की आग के अलावा तकरीबन आठ जगहों से अग्नि ली गई है। इस ज्योत को रखने के लिए भी एक विशेष कमरा होता है, जिसमें पूर्व और पश्चिम दिशा में खिड़की, दक्षिण में दीवार होती है।

Show comments

Vrishabha Sankranti 2024: सूर्य के वृषभ राशि में प्रवेश से क्या होगा 12 राशियों पर इसका प्रभाव

Khatu Syam Baba : श्याम बाबा को क्यों कहते हैं- 'हारे का सहारा खाटू श्याम हमारा'

Maa lakshmi : मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए तुलसी पर चढ़ाएं ये 5 चीज़

Shukra Gochar : शुक्र करेंगे अपनी ही राशि में प्रवेश, 5 राशियों के लोग होने वाले हैं मालामाल

Guru Gochar 2025 : 3 गुना अतिचारी हुए बृहस्पति, 3 राशियों पर छा जाएंगे संकट के बादल

Aaj Ka Rashifal: व्यापार, नौकरी, निवेश में किसे मिलेगा लाभ, जानें 21 मई का राशिफल

बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर फल, जानिए किस राशि के लिए शुभ और किसके लिए अशुभ

Apara ekadashi 2024: अपरा एकादशी कब है, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व

21 मई 2024 : आपका जन्मदिन

Maa lakshmi Bhog : माता लक्ष्मी को रोज चढ़ाएं इन 5 में से कोई एक चीज, धन के भंडार भर जाएंगे