सेक्स और शैतान के पुजारी साइंटोलॉजिस्ट?

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यहूदी और यहूदी धर्म से निकले धर्मों में दो तरह की ताकतों का उल्लेख मिलता है- ईश्वर और शैतान। प्राचीनकाल से ही अधिकतर लोग ईश्वर को मानते और उससे डरते रहे हैं। इसी बीच एक परंपरा हमेशा परंपरागत धर्मों के समानांतर चलती रही जिसे पश्चिम में वूडू तो पूर्व में ओझाओं की संस्कृति माना गया है।
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जादू-टोना कई धर्मों में प्रचलित एक प्रक्रिया है, जिसमें भूत-प्रेत और बुरी आत्माओं से पीड़ित व्यक्तियों का इलाज किया जाता है। यह परंपरा अभी भी कई धर्मों में काफी प्रचलित है। लेकिन आधुनिक काल में इस परंपरा को कई लोगों ने नया रूप दिया उनमें से एक है साइंटोलॉजी।

साइंटोलॉजी को शैतानी धर्म माना जाता है, जो धर्मों की शालीनता और इंसानियत के परे है और जो सेक्स और शैतानी ताकत में विश्‍वास करते हैं। इनके कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट से अलग चर्च होते हैं जिन्हें साइंटोलॉजी चर्च कहते हैं। सवाल यह उठता है कि ऐसे चर्च की इजाजत किसने दी? हालांकि इस धर्म को मानने वालों में अमेरिका की कई जानी-मानी हस्तियां हैं।

लोकप्रिय हॉलीवुड गायिका और अभिनेत्री जेनिफर लोपेज और उनके गायक पति साइंटोलॉजी के अनुयायी हैं। इसके अलावा प्रसिद्ध हॉलीवुड स्टार टॉम क्रूज को उनके साइंटोलॉजी धर्म का अनुसरण करने के कारण उनकी पत्नी केटी होम्म उन्हें छोड़कर चली गई।

खबरों के मुताबिक केटी होम्स को साइंटोलॉजी के खतरे से उसी से जुड़े लोगों ने खबरदार किया था। जो पहले इस संप्रदाय से जुड़े हुए थे लेकिन बाद में सच्चाई जानने के बाद वो इससे अलग हो गए थे। उन्होंने ही केटी और उनकी बेटी को टॉम से अलग न्यूयॉर्क में एक अपार्टमेंट में शिफ्ट करने में मदद की।

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क्या है साइंटोलॉजी : वर्ष 1955 में एल. रॉन हबॉर्ड ने साइंटोलॉजी की खोज की थी। इस नए सिद्धांत को मानने वाले मानते हैं कि इससे व्यक्ति अपनी अपनी आए दिन की परेशानियों से मुक्ति पा लेता है। साइंटोलॉजी के माध्यम से व्यक्ति को न तो नौकरी की फिक्र सताती है और न बच्चों की। वह वास्तविकता से अलग होकर सोचता है।

साइंटोलॉजी को मानने वालों के अनुसार साइंटोलॉजी का सिद्धांत इलेक्ट्रोसाइकोमीटर या ई-मीटर नामक एक विशिष्ट यंत्र से जुड़ा है, जो आत्मा, रूह, दिमाग और इंसानी भावनाओं तक को माप सकता है, उसका आकलन कर सकता है। माना जाता है कि यह रहस्य, विज्ञान और धर्म का मिश्रण है।

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साइंटोलॉजी का प्रशिक्षण : इस धर्म में दीक्षा के लिए 30 साल तक के लोगों को शामिल किया जाता है। शामिल लोगों को सी ऑर्गेनाइजेशन नामक एक संस्था में रखा जाता है। शामिल लोग अपने परिवार, दोस्तों और करीबियों से दूर हो जाते हैं और फिर उन्हें कड़े अनुशासन में साइंटोलॉजी सिखाई जाती है।

साइंटोलॉजी चर्च के अनुसार परिवार से दूर रहने के बाद लोग आत्मिक और शारीरिक तौर पर शुद्ध हो जाते हैं लेकिन इस संप्रदाय के बहुत से ऐसे पूर्व सदस्य हैं, जो इसे मात्र अंधविश्वास मानते हैं।

उल्लेखनीय है कि साइंटोलॉजी के अजीबोगरीब सिद्धांत के कारण यह तथाकथित धर्म हमेशा विवाद में रहा है। आजकल भारत में इस इस अजीब और शैतानी तरह की विचारधारा का जोर-शोर से प्राचार और प्रासार किया जा रहा है। भारत में भी कई हिन्दू इसके अनुयायी बन गए हैं। भारत में इसके प्रचारक हैं यतीन बजाज जो दिल्ली स्थित साइंटोलॉजी केन्द्र में संचार प्रमुख हैं।

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साइंटोलॉजी ई-मीटर : ई-मीटर एक ऐसा उपकरण है, जिसे चर्च ऑफ साइंटोलॉजी द्वारा विकसित किया गया था। इस डिवाइस का उपयोग चर्च पादरियों द्वारा बुरी आत्माओं से पीड़ित लोगों के लिए इलाज के लिए किया जाता था। सन् 1971 में अमेरिका के कोलंबिया की जिला अदालत ने इस डिवाइस को बेकार की वस्तु बताकर अयोग्य घोषित कर दिया था।
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