2024 के लोकसभा चुनाव में जीरो हो जाएगी कांग्रेस
डॉ. रामविलास वेदांती ने कहा- सभी पार्टियों के लोग चाहते थे राम मंदिर बने
Former MP Ram Vilas Vedanti on Ram Temple: भाजपा के पूर्व सांसद और रामकथा वाचक डॉ. रामविलास वेदांती ने कहा कि मुझे लगता है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस जीरो हो जाएगी। उन्होंने कहा कि दुनिया ने देख लिया है कि कांग्रेस आतंकवाद का समर्थन करती है, हमास का समर्थन करती है।
वर्ष 1996 से 2000 तक भाजपा सांसद रहे डॉ. वेदांती ने वेबदुनिया से बातचीत करते हुए कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन को डेंगू और कोरोना कहा, लेकिन कांग्रेस ने उसका विरोध नहीं किया। मैं तमिलनाडु गया था, तब मैंने देखा था कि वहां के लोगों की देवी-देवताओं के प्रति गहरी श्रद्धा और आस्था है।
समाज के हर वर्ग के लोग हिंदुत्व के आधार पर, सनातन के आधार पर, मानवता के आधार पर, सामाजिक समरसता के आधार पर परिवर्तन चाहते हैं। उन्होंने कहा की मुझे लगता है कि इसी परिवर्तन को लेकर पीएम मोदी इस देश के भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए काम कर रहे हैं।
तीन तलाक खत्म हुआ : विहिप नेता ने कहा कि कभी किसी ने कल्पना नहीं की थी कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की भवनाओं की रक्षा करने के लिए कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया, तीन तलाक खत्म हो गया, किसी ने कल्पना नहीं की थी कि सुप्रीम कोर्ट से राम जन्मभूमि निर्माण के लिए निर्णय आएगा।
दरअसल, किसी भी प्रधानमंत्री में इच्छा शक्ति नहीं थी। केवल अटल बिहारी वाजपेयी की इच्छा शक्ति थी, लेकिन उनके पास बहुमत नहीं था। 2014 में मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद मैं उनसे मिला था, तब मैंने मोदी जी से निवेदन किया था कि हम सब लोगों की हार्दिक इच्छा है कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर बने। तब मोदी जी ने कहा था कि वेदांती जी बिलकुल चिंता मत कीजिए, महात्माओं की भावनाओं को हम अच्छी तरह समझते हैं।
जो कोई नहीं कर पाया, वह... : डॉ. वेदांती ने कहा कि मोदी जी की बात उस दिन चरितार्थ हुई जिस दिन 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आया और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद जब 5 अगस्त 2020 को मोदी जी ने भूमि पूजन व शिलान्यास किया तब देश ही नहीं विश्व के राम भक्तों को लगा कि मोदी जी ने जो कहा था वह कर दिखाया। हालांकि कुछ लोग वैमनस्यता फैलाने के लिए राम मंदिर का विरोध करते रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जन्मभूमि के अंदर तो 23 दिसंबर 1949 को जवाहर लाल नेहरू ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री गोविन्द बल्लभ पंत को भेजा कि जाकर रामलला की मूर्ति को हटाकर आओ। उस समय फ़ैजाबाद के सिटी मजिस्ट्रेट ठाकुर गुरुदत्त सिंह ने उन्हें अयोध्या में प्रवेश नहीं करने दिया। सिंह ने कहा कि अयोध्या में यदि आप आएंगे तो दंगा हो जाएगा। उसी समय महंत दिग्विजयनाथ जो कि हमारे गुरु भी हैं, ने महंत अविराम दास के साथ मिलकर अयोध्या को चारों ओर से घेर लिया था। बाद में अविराम दास महराज की गिरफ्तारी हो गई।
जब डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को सोमनाथ जाने से रोका गया : डॉ. वेदांती ने कहा कि एक प्रधानमंत्री आजादी के बाद कांग्रेस के पं. जवाहर लाल नेहरू थे, जिन्होंने कहा था कि रामलला की मूर्ति को हटा दो और एक प्रधानमंत्री 2014 मे ऐसा आया, जिसने आदेश दिया कि रामलला का मंदिर बने, रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा हो।
नेहरू पर निशाना साधते हुए डॉ. वेदांती ने कहा कि भगवान शिव की प्राण प्रतिष्ठा के लिए सरदार वल्लभ भाई पटेल तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद को सोमनाथ मंदिर ले जा रहे थे तो जवाहर लाल नेहरू ने कहा था कि आप धर्मनिरपेक्ष भारत के राष्ट्रपति हैं, आप वहां नहीं जा सकते हैं, तब डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने कहा था कि मैं पहले हिन्दू हूं। हमारा अधिकार है, हम अपने धर्म के लिए भगवान शंकर की प्राण प्रतिष्ठा करने जाएं और यदि आप कहते हैं कि राष्ट्रपति होने के नाते नहीं जा सकते हैं तो मैं त्याग पत्र देने के लिए तैयार हूं।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala