मनोहर पर्रिकर : प्रोफाइल

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रक्षा मंत्री पद से इस्तीफा देकर मनोहर पर्रिकर ने चौथी बार गोवा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। पर्रिकर पहले देश के ऐसे मुख्ममंत्री थे, जो आईआईटी डिग्री धारी थे। गोवा में भाजपा की जड़ें जमाने वाले पर्रिकर पहली बार 1994 में विधायक बने थे, तब पार्टी की सिर्फ चार सीटें हुआ करती थीं, लेकिन छ: साल के भीतर ही गोवा में भाजपा को पहली बार पर्रिकर ने सत्ता दिला दी और वे मुख्यमंत्री बन गए।
 
प्रारंभिक जीवन : मनोहर पर्रिकर का जन्म 13 दिसंबर 1955 को गोवा के मापुसा में हुआ। मनोहर पर्रिकर ने आईआईटी मुंबई से इंजीनियरिंग   डिग्री हासिल की है। 
 
राजनीतिक जीवन : गोवा में भाजपा की जड़ें जमाने वाले मनोहर पर्रिकर पहली बार 1994 में विधायक बने थे, तब पार्टी की सिर्फ चार सीटें हुआ करती थीं, लेकिन छ: साल के भीतर ही गोवा में भाजपा को पहली बार पर्रिकर ने सत्ता दिला दी और वे मुख्यमंत्री बन गए। 
 
मनोहर पर्रिकर भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख नेताओं में से एक हैं। 24 अक्टूबर 2000 को वे पहली बार गोवा के मुख्यमंत्री बने। इसके बाद 5 जून 2002 को वे दोबारा मुख्यमंत्री पद के लिए चुने गए। वे गोवा के गृह, कार्मिक, सामान्य प्रशासन और शिक्षामंत्री भी रहे। 2005 में वे विपक्ष के नेता रहे और 2007 में पुन: चुने गए।
 
साफ छवि के मनोहर पर्रिकर 2009 में भाजपा अध्यक्ष की कुर्सी के करीब तक पहुंच गए थे, लेकिन लालकृष्ण आडवाणी पर दिए एक बयान ने उन्हें पार्टी के शीर्ष तक नहीं पहुंचने दिया, इसके बावजूद पांच साल के भीतर पर्रिकर की लोकप्रियता गोवा से बढ़कर महाराष्ट्र होते हुए दूसरे राज्यों तक भी पहुंची।  गोवा के मापुसा में जन्मे मनोहर पर्रिकर 2012 में दूसरी बार मुख्यमंत्री बने और तब से उनके सुशासन और सादगी की चर्चा रही है। 2012 में विपक्ष में रहते हुए पर्रिकर ने कांग्रेस सरकार के दौरान हुए खनन घोटालों को उजागर किया। 

रक्षा मंत्री के रूप में लिए कई बड़े फैसले : मनोहर पर्रिकर ने 9 नवंबर 2014 को देश के रक्षा मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। सादगीपूर्ण जीवनशैली, साफ छवि के लिए जाने जाने वाले पर्रिकर ने रक्षा मंत्रालय में आने के बाद कई बड़े फैसले लिए।  
 
उरी में हुए आतंकी हमले में जवानों की शहादत का बदला अक्टूबर 2016 में भारत ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकियों को ढेर करके लिया था। सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान भारतीय सेना के जाबांजों ने पाकिस्तान कई आतंकी कैंप ध्वस्त किए थे। सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान पूरी रात देश के रक्षा मंत्री ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए थे। 
 
भारतीय सेना मणिपुर में आतंकियों के खिलाफ पीछे साल के मई महीने म्यांमार सरहद पर खुफिया रिपोर्ट के बाद एक सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया। इस ऑपरेशन पर मनोहर पर्रिकर की पैनी नजर थी और उन्हीं की निगरानी में इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। पर्रिकर ने खुद उस वक्त के आर्मी प्रमुख को जमीनी हालात लेने के लिए भेजा था।
 
लंबे वक्त से लटके राफेल फाइटर प्लेन के सौदे को रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की अगुवाई में हरी झंडी मिली। सितंबर 2016 में भारत और फ्रांस के बीच राफेल फाइटर प्लेन के सौदे पर हस्ताक्षर हुए। भारत दौरे पर आए फ्रांस के रक्षा मंत्री ज्यां यीव ली ड्रियान और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। सैनिकों की 40 साल पुरानी 'वन रैंक वन पेंशन' की मांग को अमल के रास्ते पर ले जाने में पर्रिकर की बड़ी भूमिका देखी गई।
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