नवीन पटनायक : प्रोफाइल

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नवीन पटनायक प्रारंभ में तो राजनीति में आने के इच्‍छुक नहीं थे और उन्‍होंने एक लेखक के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की, लेकिन पिता की मृत्‍यु के बाद वे जनता दल में शामिल हो गए। वे राज्य में सबसे अधिक समय तक सेवा देने वाले पहले मुख्यमंत्री बने। 
 
प्रारंभिक जीवन : नवीन पटनायक का जन्‍म 16 अक्‍टूबर 1946 को कटक में हुआ। उन्‍होंने दिल्‍ली के किरोडीमल कॉलेज से स्‍नातक की डिग्री हासिल की है। वे जनता दल के संस्‍थापक और जानेमाने नेता बीजू पटनायक के पुत्र हैं। 
 
नवीन पटनायक की प्रारंभिक शिक्षा देहरादून के वेलहाम प्रिपरेटरी स्कूल फॉर बॉयज और उसके बाद की शिक्षा दून स्कूल में हुई है। स्कूल के दिनों में वे इतिहास के अच्छे छात्र थे। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से 20 साल की उम्र में स्नातक किया।  
 
राजनीतिक जीवन : नवीन पटनायक प्रारंभ में तो राजनीति में आने के इच्‍छुक नहीं थे और उन्‍होंने एक लेखक के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की, लेकिन पिता की मृत्‍यु के बाद वे जनता दल में शामिल हो गए। 11वीं लोकसभा में उन्‍होंने उड़ीसा के अस्‍का क्षेत्र से जीत दर्ज की और संसद की ग्रंथालय समिति, वाणिज्‍य संबंधी स्‍थाई समिति और इस्‍पात और खदान संबंधित मंत्रालय के सदस्‍य चुने गए।
 
आगे चलकर उन्‍होंने एक क्षेत्रीय पार्टी बनाने की घोषणा की जिसका नाम उनके पिता बीजू पटनायक के नाम पर 'बीजू जनता दल' रखा गया। 1999, 2004 और 2009 के विधानसभा चुनावों में जीतकर वे लगातार तीन बार राज्‍य के मुख्‍यमंत्री बने। वे राज्य में सबसे अधिक समय तक सेवा देने वाले पहले मुख्यमंत्री बने। 
 
नवीन पटनायक ने भारत और विदेशों में काफी भ्रमण किया है और वह इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (इनेटैक) के संस्थापक सदस्य हैं। उन्होंने 'अ सेकंड पैराडाइज', 'अ डेजर्ट किंगडम', 'द गार्डन ऑफ लाइफ' नामक पुस्तक भी लिखी है। 
 
2007-2008 में हुए ईसाई विरोधी दंगों के चलते बीजू जनता दल को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा और इसके चलते पटनायक ने एनडीए सरकार से अपने गठबंधन को समाप्‍त कर दिया। वर्तमान समय में पटनायक राज्‍य में काफी लोकप्रिय हैं और उनकी छवि एक ईमानदार मुख्‍यमंत्री की है।
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