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21 जून योग दिवस 2025: अनुलोम विलोम प्राणायाम करने के 10 फायदे

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WD Feature Desk

, सोमवार, 16 जून 2025 (16:03 IST)
Yoga Day breathing techniques: अनुलोम विलोम प्राणायाम एक ऐसी श्वास क्रिया है जिसमें एक नथुने से सांस ली जाती है और दूसरे से छोड़ी जाती है, फिर विपरीत क्रम दोहराया जाता है। यह शरीर और मन दोनों को शांत करने और संतुलन बनाने में अत्यधिक प्रभावी है। अनुलोम-विलोम, जिसे 'नाड़ी शोधन प्राणायाम' भी कहा जाता है, योग का एक बहुत ही शक्तिशाली और सरल श्वास अभ्यास है जिसके कई लाभ हैं।ALSO READ: 21 जून योग दिवस 2025: सूर्य नमस्कार करने की 12 स्टेप और 12 फायदे
 
जानें कैसे करें अनुलोम-विलोम प्राणायाम: Anulom Vilom step by step
• किसी शांत जगह पर पद्मासन, सुखासन या आरामदायक मुद्रा में बैठें।
• दाएं हाथ के अंगूठे से दाहिने नथुने को बंद करें।
• बाएं नथुने से धीरे-धीरे और गहराई से सांस लें।
• बाएं नथुने को अनामिका यानी रिंग फिंगर से बंद करें और अंगूठे को हटाकर दाहिने नथुने से धीरे-धीरे सांस छोड़ें।
• अब दाहिने नथुने से सांस लें।
• दाहिने नथुने को अंगूठे से बंद करें और अनामिका हटाकर बाएं नथुने से सांस छोड़ें।
• यह एक चक्र पूरा हुआ। इसी तरह 5-10 मिनट तक अभ्यास करें। शुरुआत 5 मिनट से करें, धीरे-धीरे 15-20 मिनट तक बढ़ाएं।ALSO READ: 21 जून: अंतरराष्ट्रीय योग एवं संगीत दिवस, जानें इसकी 3 खास बातें
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आइए जानते हैं अनुलोम-विलोम प्राणायाम करने के 10 प्रमुख फायदे...Yoga and Pranayama benefits 2025
 
1. तनाव और चिंता कम करता है: यह हमारे शारीरिक सबसे प्रमुख लाभों में से एक है। अनुलोम विलोम पैरासिम्पेथेटिक तंत्रिका तंत्र (जो 'आराम और पाचन' प्रतिक्रिया को नियंत्रित करता है) को सक्रिय करता है, जिससे तनाव हार्मोन कम होते हैं और मन शांत होता है।
 
2. फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ाता है: नियमित अभ्यास फेफड़ों की क्षमता यानी लंग की कैपेसिटी को बढ़ाता है, जिससे अधिक ऑक्सीजन अंदर आती है और कार्बन डाइऑक्साइड बाहर निकलती है। यह श्वसन प्रणाली को मजबूत करता है।
 
3. श्वसन संबंधी समस्याओं में राहत: अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, साइनस और एलर्जी जैसी श्वसन संबंधी समस्याओं से पीड़ित लोगों के लिए यह बहुत फायदेमंद है। यह श्वास मार्ग को साफ करता है और सूजन को कम करता है।
 
4. मस्तिष्क के दोनों गोलार्द्धों को संतुलित करता है: माना जाता है कि यह प्राणायाम मस्तिष्क के बाएं और दाएं गोलार्द्धों जो कि तर्क और रचनात्मकता से जुड़े होते हैं के बीच संतुलन स्थापित करता है, जिससे एकाग्रता और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है।
 
5. मन को शांत और एकाग्र करता है: चूंकि यह श्वास पर केंद्रित होता है, यह भटकते हुए मन को एकाग्र करने में मदद करता है। यह ध्यान (मेडिटेशनल meditation) के लिए एक उत्कृष्ट तैयारी है।
 
6. ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है: नियमित अभ्यास उच्च रक्तचाप यानी हाई ब्लड प्रेशर को कम करने और नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है, क्योंकि यह तंत्रिका तंत्र को शांत करता है।ALSO READ: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: 30 की उम्र तक हर महिला को शुरू कर देना चाहिए ये 5 योग अभ्यास
 
7. पाचन में सुधार: इस प्राणायाम से शरीर में ऑक्सीजन के बेहतर प्रवाह और तंत्रिका तंत्र के संतुलन से पाचन क्रिया में भी सुधार होता है।
 
8. शरीर को डिटॉक्सिफाई करता है: गहरी और नियंत्रित श्वास शरीर से विषाक्त पदार्थों को अधिक कुशलता से बाहर निकालने में मदद करती है, जिससे शरीर आंतरिक रूप से शुद्ध होता है।
 
9. नींद की गुणवत्ता में सुधार: शांत मन और तनाव में कमी से नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है। जो लोग अनिद्रा से पीड़ित हैं, उनके लिए यह प्राणायाम बहुत ही फायदेमंद हो सकता है।
 
10. प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है: बेहतर ऑक्सीजन प्रवाह, तनाव में कमी और शरीर का आंतरिक संतुलन प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करता है, जिससे शरीर बीमारियों से बेहतर तरीके से लड़ पाता है।
 
अनुलोम-विलोम प्राणायाम एक सरल और शक्तिशाली अभ्यास है जिसे हर कोई आसानी से कर सकता है और 21 जून योग दिवस 2025 पर इसका अभ्यास करके इन सभी अद्भुत लाभों को प्राप्त कर सकता है।

अस्वीकरण (Disclaimer): चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।ALSO READ: गर्मियों में योग करने का सबसे सही समय, तपती गर्मी से मिलेगी तुरंत राहत

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