Mahakumbh 2025 : महाकुंभ जैसे विशाल मेले में लाखों लोग एक साथ जुटते हैं। इस भीड़ में अपराधियों के लिए मौके मिलना आसान हो जाता है। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए प्रशिक्षित डॉग्स और घोड़े बहुत उपयोगी साबित होते हैं। ये जानवर अपनी तेज नजर और सूंघने की क्षमता के कारण संदिग्ध गतिविधियों को आसानी से पहचान लेते हैं।
महाकुंभ 2025 में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए प्रशिक्षित कुत्ते और घोड़े लगाए गए हैं। ये बेजुबान दोस्त संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखकर सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। ऐसे ही दो डॉग्स हैं सीजर और जैकसी जो महाकुंभ 2025 में सुरक्षा व्यवस्था में भागीदारी निभाएंगे।
महाकुंभ में क्या होगी डॉग्स की भूमिका
संदिग्धों की पहचान: प्रशिक्षित डॉग्स विस्फोटक, नशीले पदार्थों और हथियारों की गंध को सूंघकर आसानी से पहचान लेते हैं।
भीड़ नियंत्रण: डॉग्स की मौजूदगी से भीड़ को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
गश्त: डॉग्स मेले में गश्त लगाकर संदिग्ध व्यक्तियों और वस्तुओं पर नजर रखते हैं।
घोड़ों की भूमिका
भीड़ नियंत्रण: घोड़े अपनी ऊंचाई और ताकत के कारण भीड़ को नियंत्रित करने में प्रभावी होते हैं।
गश्त: घोड़े बड़े क्षेत्र में तेजी से गश्त लगा सकते हैं।
दिखावा: घोड़ों की मौजूदगी मेले में एक शाही अंदाज भी जोड़ती है।
प्रशिक्षण
महाकुंभ में लगाए गए कुत्ते और घोड़े विशेष रूप से प्रशिक्षित होते हैं। उन्हें भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में काम करने, विभिन्न प्रकार की गंधों को पहचानने और आज्ञा का पालन करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।
महाकुंभ में सुरक्षा के अन्य उपाय
कुत्तों और घोड़ों के अलावा, महाकुंभ में सुरक्षा के लिए कई अन्य उपाय भी किए जाते हैं, जैसे कि:
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सीसीटीवी कैमरे
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ड्रोन
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पुलिस बल
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बैरिकेडिंग
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यातायात नियंत्रण
महाकुंभ जैसे विशाल मेले में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाना एक बड़ी चुनौती होती है। प्रशिक्षित कुत्ते और घोड़े इस चुनौती से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। ये बेजुबान दोस्त अपनी तेज नजर और सूंघने की क्षमता के कारण संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखकर सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देगें।