माघ पूर्णिमा का स्नान है सबसे महत्वपूर्ण, जानिए गंगा नदी में क्यों लगाना चाहिए 5 डुबकी?

WD Feature Desk
शुक्रवार, 31 जनवरी 2025 (18:17 IST)
Prayagraj Maha Kumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ 2025 में माघ पूर्णिमा के दिन अमृत स्नान होगा। 12 फरवरी 2025 बुधवार के दिन माघ पूर्णिमा का कुंभ स्नान त्रिवेणी पर होगा। माघ मास या माघ पूर्णिमा के दिन संगम में स्नान का बहुत महत्व है। संगम नहीं तो गंगा, नर्मदा, कृष्णा, क्षिप्रा, गोदावरी, कावेरी, सिंधु, सरस्वती, ब्रह्मपुत्र आदि पवित्र नदियों में स्नान कर सकते हैं। नदी स्नान नहीं कर पा रहे हैं तो पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। माघ मास में नदी के शीतल जल में डुबकी लगाने से मनुष्य पापमुक्त हो जाता हैं।ALSO READ: बसंत पंचमी 2 या 3 फरवरी 2025 को, जानिए सही डेट और टाइम, पूजा का मुहूर्त और चौघड़िया
 
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ- 11 फरवरी 2025 को शाम को 06:55 बजे से। 
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 12 फरवरी 2025 को शाम को 07:22 बजे तक
 
माघ पूर्णिमा पर स्नान, दान, हवन, व्रत और जप पुण्य के कार्य करने के साथ-साथ श्रीहरि विष्णु का पूजन, पितृ निमित्त श्राद्ध तथा असहाय और गरीबों को खाने-पीने की चीजें दान करना और दक्षिणा देना बहुत ही शुभ माना जाता है।
 
पांच बार डुबकी: गंगा स्नान के दौरान कम से कम पांच बार डुबकी लगाना शुभ माना जाता है। यह संख्या धार्मिक महत्व रखती है और माना जाता है कि इससे पांच तत्वों (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश) का शुद्धीकरण होता है। डुबकी लगाने के बाद खड़े होकर जल से तर्पण करें और सूर्य देव को अर्घ्य दें। इसके बाद जल से बाहर निकलकर शुद्ध वस्त्र पहनें और फिर पंचदेवों की पूजा करें। पूजा के बाद ब्राह्मणों या गरीबों को दान दें।

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